पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की वकालत की। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि आखिर कब-तक एक सीमा तक आरक्षण रहेगा। आबादी के अनुरूप सभी जातियों को आरक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि 2021 में जाति के आधार पर जनगणना हो। 2011 के सामाजिक, आर्थिक, जाति जनगणना के संबंध में कहा कि इस सर्वेक्षण के आंकड़े ठीक नहीं हैं। इसलिए इसे आजतक प्रकाशित नहीं किया गया। सर्वेक्षण की जरूरत भी नहीं है। जाति आधारित जनगणना हो जाने से किस जाति की कितनी संख्या है, यह साफ हो जाएगी। इसके बाद संविधान में संशोधन कर यह प्रावधान किया जाना चाहिए, जिससे आबादी के अनुसार सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिले।
मुख्यमंत्री गुरुवार को जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार की तर्ज पर केंद्र में भी पिछड़ा वर्ग को दो श्रेणियों में बांट कर आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। बिना नाम लिये उन्होंने लालू प्रसाद पर निशाना साधा और कहा कि 1993 में बिहार सरकार अतिपिछड़ों के आरक्षण को समाप्त करके सिर्फ पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का प्रावधान करना चाहती थी।
मैंने इसका विरोध किया और यह होने नहीं दिया। इसके बाद मेरे खिलाफ जुलूस निकालने की कोशिश की गई। मैंने कभी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा, महिलाओं और अल्पसंख्यों के अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि समाज में घृणा फैलाने और शांति भंग करने वालों को आपलोग करारा जवाब दें। सोशल मीडिया पर समाज में तनाव पैदा करने के लिए तरह-तरह की बातें प्रचारित की जाती हैं। आपलोग सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातें फैलाएं, जिससे शांति, प्रेम और सद्भाव का वातावरण बने।
अलग-अलग जाति में न बंटे अतिपिछड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज को अलग-अलग जाति में बंट कर नहीं, बल्कि एकजुट रहना चाहिए। आज आपलोगों को जो सम्मान मिला है, उससे समझौता नहीं कीजिएगा। लोग सिर्फ सत्ता में आने के लिए हर तरह की बात करते हैं। आप सभी मिलकर मकान बनाइएगा तो वह बहुमंजिला होगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आप सक्षम बनें। अपने बेटे-बेटियों को खूब पढ़ाएं। गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण केंद्र ने दिया है, जिसे बिहार में भी लागू किया जाएगा। इससे अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए पूर्व से निर्धारित आरक्षण में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। सवर्णों को अलग से दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसको लेकर कोई भ्रम पैदा करे तो उसके चक्कर में आपलोग नहीं पड़ें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्पूरी ठाकुर 64 साल की उम्र में ही दुनिया से चले गये, नहीं तो वे देश के प्रधानमंत्री भी बनते।
बिहार की विकास दर लगातार दोहरे अंकों में
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2009 ने लगातार बिहार की विकास दर दो अंकों की रही है। इस बार जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार बिहार की विकास दर 11.3 फीसदी रही है। एक समय था जब बिहारी दूसरे राज्यों में अपनी पहचान छुपाते थे। आज वे शान से बोलते हैं कि मैं बिहारी हूं। दिल्ली की सरकार भी बिहारियों के वोट से बनी है। वहां बिहारी काम नहीं करें तो दिल्ली ठप हो जाएगी। बिहार में मैंने कानून का राज स्थापित किया। सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया। कुछ लोग तरह-तरह की बातें करते हैं, पर मैं परवाह नहीं करता। मैं वोट के लिए नहीं, बल्कि वोटरों के लिए काम करता हूं।