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नई दिल्ली: मणिपुर में कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर सीबीआई ने सीआरपीएफ, इंफाल पुलिस और असम रायफल्स के खिलाफ पांच एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से इस हत्या की जांच करने के आदेश दिए थे। गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने मणिपुर में अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के 1,528 मामलों की जांच के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले साल 14 जुलाई को एक एसआईटी गठित की थी। शीर्ष अदालत ने एफआईआर दर्ज कराने और कथित अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के मामलों की जांच का आदेश दिया था।

मणिपुर में वर्ष 2000 से 2012 के बीच सुरक्षाबलों और पुलिस पर कथित रूप से 1528 फर्जी एनकाउंटर और अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं का आरोप है। इससे पहले, अटॉर्नी जनरल ने सर्वोच्च अदालत की उस टिप्पणी पर भी ऐतराज जाहिर किया था जिसमें जस्टिस लोकुर और जस्टिस ललित की बेंच ने कहा था कि जिन लोगों ने कत्ल किया है, वे खुलेआम घूम रहे हैं। मणिपुर पुलिस की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि इस मामले को जस्टिस लोकुर और जस्टिस ललित की बेंच को नहीं सुनना चाहिए।


इस बात पर जस्टिस ललित ने कहा कि जो टिप्पणी की गई थी, वे किसी पुलिसवाले के खिलाफ नहीं थी। अगर आप चाहते हैं, तो हम आदेश जारी कर सकते हैं। उसके बाद इस मामले में केंद्र ने कहा था कि सेना के जवान जीवन और मौत से लड़ रहे हैं। अगर कोर्ट की ये टिप्पणी है, तो उनका मोरल गिरता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि आप ये कहना चाहते हैं कि हम केस को मॉनिटर न करें। इसके जवाब में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस मामले की सुनवाई किसी दूसरी बेंच में हो और सीबीआई स्वतंत्र हो कर जांच करे।

14 जुलाई को हुआ था एसआईटी का गठन

मणिपुर में कथित तौर पर न्यायेत्तर हत्याओं के 1,528 मामलों की जांच के लिए एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पिछले साल 14 जुलाई को एक एसआईटी का गठन किया था और इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने का आदेश दिया था।

नई दिल्ली: सरकार ने मणिपुर के आठ उग्रवादी समूहों के गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों में शामिल बने रहने के लिए उन पर लगे प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन समूहों ने भारत से अलग होकर एक अलग मणिपुर राज्य बनाने के अपने मकसद को खुलकर व्यक्त किया है, उन्होंने अपने मकसद को हासिल करने के लिए सशस्त्र तरीके अपनाये हैं और सुरक्षा बलों, पुलिस तथा सरकारी कर्मचारियों पर हमले किये हैं।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत जिन संगठनों को प्रतबंधित किया गया है, उनमें पीपल्स लिबरेशन आर्मी या पीएलए और उसकी राजनीतिक इकाई, रिवाल्यूशनरी पीपल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र इकाई मणिपुर पीपल्स आर्मी (एमपीए), पीपल्स रिवॉल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलीपाक और उसकी सशस्त्र इकाई ‘रेड आर्मी’, कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और इसकी सशस्त्र इकाई ‘रेड आर्मी’, कांगली याओल कांबा लुप (केवाईकेएल), कॉर्डिनेशन कमेटी और अलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलीपाक हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर के कुछ पुलिसकर्मियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों को इससे अलग होने का अनुरोध किया गया था। इन फर्जी मुठभेड़ मामलों की जांच सीबीआई का विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि एसआईटी और इन मामलों में की जा रही जांच पर इन पुलिसकर्मियों के संदेह करने का कोई कारण नहीं है। पीठ ने यह भी कहा कि न्यायपालिका और सीबीआई की सांस्थानिक पवित्रता को अवश्य कायम रखा जाना चाहिये।

आरोपियों को हत्यारा बता दिया था: याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ताओं ने इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों को इससे अलग होने का अनुरोध करते हुये दायर याचिका में दावा किया था कि पीठ ने विशेष जांच दल के आरोप पत्र में शामिल कुछ आरोपियों को पहले अपनी टिप्पणी में 'हत्यारा बता दिया है।

इंफाल: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिला में वाहन चोर के संदेह में 26 साल के एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना के तीन दिन बाद पुलिस ने एक उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया है जबकि तीन अन्य कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। इंफाल पश्चिम के पुलिस अधीक्षक जोगेश्वर हाओबिजम ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस घटना की कथित वीडियो में मौके पर चार पुलिसकर्मी मौजूद दिख रहे हैं जब मृतक जीवित था और जमीन पर पड़ा हुआ था।

थौबुल जिला के बाशिंदे फारूक खान की पश्चिम इंफाल के थारोइजाम इलाके में गुरुवार को उन्मादी भीड़ ने वाहन चोर होने के संदेह में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। बहरहाल, खान के साथ मौजूद दो लोग बच निकलने में कामयाब रहे थे। उनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों ने एक कार भी आग के हवाले कर दी थी। समझा जाता है कि इसका इस्तेमाल मृतक के दो साथियों ने किया था।

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