इंफाल: मणिपुर के तीन प्रमुख छात्र संगठनों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। राष्ट्रपति ने कहा था कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 से उन पीड़ितों को मदद मिलेगी जो उत्पीड़न के कारण भारत में आने को मजबूर हुए हैं।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू), मणिपुर स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एलायंस ऑफ मणिपुर (डीईएसएएम) ने शुक्रवार को कहा कि यदि विधेयक पारित हुआ तो वे अपने आंदोलन को तेज करेंगे। इस विवादास्पद विधेयक को आठ जनवरी को लोकसभा में पारित किया गया था। नागरिकता (संशोधन) विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत में शरण लेने वाले गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता पाने के लिए 12 वर्ष भारत में रहने की अनिवार्यता की जगह छह साल में नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है।
एएमएसयू के अध्यक्ष मनजीत सारंगथम ने कहा कि छात्र संगठनों ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के बयान से विधेयक को उनके समर्थन का संकेत मिलता है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की इच्छाओं के खिलाफ है।