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मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

इम्फाल: मणिपुर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वह पहले भाजपा में आ गए कांग्रेस के सात विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने वाले लंबित मामलों पर शुक्रवार तक कोई आदेश न दें। हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में कहा कि यह स्पष्ट है कि अध्यक्ष द्वारा आज जो फैसला सुरक्षित रखा गया है, उसे कल नहीं सुनाया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण ने गुरुवार को सात कांग्रेस बागियों से संबंधित मामले को सुना।

हाईकोर्ट ने आगे कहा, "इस आदेश की प्रतियां सभी पक्षों के वकीलों और मणिपुर विधान सभा के सचिव को व्हाट्सएप या ई-मेल के माध्यम से भेजी जाएंगी।" अदालत ने कहा, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिव की ओर से उपस्थित वकील तरुणकुमार से अनुरोध किया जाता है कि वे आदेश के अनुपालन के लिए सचिव को सूचित करें। आपको बता दें कि मणिपुर से एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए 19 जून को मणिपुर विधानसभा परिसर में मतदान होने वाला है।

नई दिल्ली: मणिपुर में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार मुसीबत में आ गई है। बुधवार को नेशनल पीपुल्स पार्टी के उप-मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार समेत नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार मंत्रियों ने इस्तीफा दिया और वे सभी कांग्रेस में शामिल हो गए। तीन अन्य जिन लोगों ने अपना इस्तीफा दिया है उनमें ट्रायबल एंड हिल्स एरिया डेवलपमेंट मिनिस्टर एन. कयिशी, यूथ एफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मिनिस्टर लेतपाओ हाओकिप और हेल्थ एंड फैमिलि वेलफेयर मिनिस्टर एल. जयंत कुमार सिंह शामिल हैं। जॉय कुमार के पास वित्त का भी पदभार है।

राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को अलग-अलग लिखे पत्रों में जॉय कुमार, हाओकिप और केयिशी ने कहा, “मैं यह सूचित करता हूं कि मैं मणिपुर की भाजपा की नेतृत्ववाली सरकार से अपना इस्तीफा देता हूं।” राज्य के तीन भाजपा विधायक एस. सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैम्युअल जेंदाई ने भी इस्तीफा देते हुए बुधवार को कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में अब सिर्फ भाजपा को 18 विधायकों का ही समर्थन है। जॉय कुमार सिंह ने कहा, हमने अपना आधिकारिक इस्तीफे का पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा है।

इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को चावल देने के सवाल पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और डिप्टी सीएम युमनाम जयकुमार सिंह के बीच तीखी बयानबाजी से तीन साल पुरानी भाजपा गठबंधन सरकार में दरार पड़ गई है। भाजपा नेता और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता और डिप्टी सीएम जयकुमार सिंह से ज्यादातर महत्वपूर्ण मिनिस्ट्री छीन ली हैं और उनके पास मात्र नागरिक उड्डयन और काराधान मंत्रालय छोड़ा गया है।

पहले तो खबर ये आई थी कि सीएम ने सारे मंत्रालय वापस लेकर उन्हें बिना विभाग का मंत्री बना दिया है लेकिन बाद में सीएम हाउस से सफाई निकली कि उनके पास दो विभाग छोड़े गए हैं। जो विभाग वापस लिए गए हैं उनमें आवास एवं शहरी विकास, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अर्थ एवं सांख्यिकी मंत्रालय शामिल था। राज्य में पहली बार सरकार बना और चला रही भाजपा के सीएम एन बीरेन सिंह को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर डिप्टी सीएम युमनाम जयकुमार सिंह उनके बारे में अभद्र बात कहते हुए सुने गए। मसला चावल का है जो कोरोना लॉकडाउन में जरूरतमंदों के बीच बांटा जा रहा है।

नई दिल्ली: अयोग्यता को लेकर स्पीकर द्वारा फैसला ना लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के वन मंत्री एवं भाजपा विधायक टी. श्यामकुमार को मंत्री पद से हटा दिया। उनके मणिपुर विधान सभा में घुसने पर भी रोक लगा दी है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद स्पीकर ने इस मामले में 4 सप्ताह के भीतर अयोग्यता पर फैसला नहीं किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज होकर संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया। कोर्ट ने कहा कि मंत्री श्याम कुमार विधान सभा में प्रवेश नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को उनके मंत्री पद से भी हटा दिया। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।

दरअसल, 21 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष से कहा था कि वह मणिपुर के वन मंत्री एवं भाजपा विधायक टी. श्यामकुमार को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली कांग्रेस नेता की याचिका पर चार हफ्ते में फैसला लें। इसी दौरान अदालत ने अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं को देखने के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली बनाने का सुझाव दिया था।

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