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नई दिल्ली: मणिपुर में भाजपा गठबंधन वाली सरकार ने विधानसभा में ध्वनिमत से विश्वासमत जीत लिया है। मतदान के दौरान सभी 28 भाजपा विधायक, और 16 कांग्रेस विधायक मौजूद थे। कांग्रेस के 8 विधायक अनुपस्थित थे विश्वास मत के बाद, कांग्रेस विधायकों ने विरोध जताया और सदन में कुर्सी उठाकर दिवाल पर फेके।

बता दें कि मणिपुर में आज एक दिवसीय विधासनभा सत्र के दौरान बीजेपी सरकार का बहुमत परीक्षण था। परीक्षण के बाद राज्य में भाजपा की अगुआई में चल रही गठबंधन सरकार कुर्सी बचाने में सफल रही है। परीक्षण से पहले भाजपा और कांग्रेस ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। विधानसभा में बीजेपी के 18 और कांग्रेस के 24 विधायक हैं। 

60 सदस्यों वाली विधानसभा से तीन विधायकों के इस्तीफे और चार सदस्यों के दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए जाने के बाद अब कुल 53 सदस्य हैं। परीक्षण से पहले भाजपा अध्यक्ष तिकेंद्र सिंह ने विश्वास जताया था कि उनकी सरकार बहुमत हासिल करेगी।

उन्होंने 30 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया था।

मणिपुर में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 60 सीटों में से कांग्रेस ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और वह सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इन सदस्यों में से टी श्यामकुमार को भाजपा में शामिल होने के बाद दलबदल रोधी कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था। 

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हाल ही में कांग्रेस के तीन और विधायकों के बीरेन सिंह, वाई सूरचंद्र सिंह और एस बीरा सिंह को भी अयोग्य करार दिया था। प्रदेश कांग्रेस ने जुलाई में राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में कथित तौर पर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने पर दो विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

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