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भोपाल: 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर देश के विभिन्न राज्यों में 110 दिवसीय दौरा कर पार्टी संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में लगे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह अगले पड़ाव के तहत इस वक्त मध्य प्रदेश की यात्रा पर हैं। शुक्रवार को यहां पहुंचने के बाद अमित शाह ने कहा कि भाजपा पांच-दस नहीं, बल्कि 50 साल के लिए सत्ता में आई है, और यह भाव कार्यकतार्ओं के भीतर होना चाहिए, तभी देश में आमूलचूल परिवर्तन संभव है। भोपाल के तीन दिनी दौरे पर आए शाह ने पार्टी के कोर ग्रुप के सदस्यों, प्रदेश पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों व जिला अध्यक्षों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “संगठन के कार्यकतार्ओं को अब आराम करने का अधिकार नहीं है, इस राष्ट्र में आमूलचूल सकारात्मक परिवर्तन देखना चाहते हैं तो हमें बिना थके, बिना रुके अपनी दिशा में आगे बढ़ते रहना है।” उन्होंने कहा, “हम सत्ता में 5-10 साल के लिए नहीं, कम से कम 50 साल के लिए आए हैं। इस मानस के साथ ही हमें आगे बढ़ते जाना है और इस विश्वास के साथ आगे बढ़ना है कि 40-50 साल की सत्ता के माध्यम से इस राष्ट्र में एक व्यापक परिवर्तन हम खड़ा करेंगे।” अमित शाह ने आगे कहा, “हमारे पास आज केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है। 330 सांसद और 1387 विधायक हैं। हमें आज पार्टी सर्वोच्च स्थान पर दिखाई देती है।
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भोपाल: मध्य प्रदेश में 43 नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव की मतगणना बुधवार को भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच हुई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार 25 स्थानों पर, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवारों ने 15 स्थानों पर कब्जा कर लिया है। राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, नगरीय निकायों के चुनाव की मतगणना का काम अंतिम चरण में है। राज्य के 43 नगरीय निकायों में से 25 पर भाजपा और 15 स्थानों पर कांग्रेस के उम्मीदवार अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। तीन स्थानों पर निर्दलीय दोनों दलों से आगे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 2013 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को केवल 9 सीटों से संतोष करना पड़ा था, लेकिन इस बार पार्टी ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया है। यह साफ है कि भाजपा को इस बार पांच सीटों का नुकसान हुआ है। मतगणना के रुझान के आधार पर भाजपा और कांग्रेस में उत्साह का माहौल है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह जीत कार्यकर्ताओं के परिश्रम की जीत है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 27 जगहों पर चुनावी बैठकों को संबोधित किया था वहां की 13 सीटों पर पार्टी चुनाव हार गई है।
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भोपाल: मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड ने राज्य के सभी पंजीकृत मदरसों को आदेश जारी करके मदरसा संचालकों एवं मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्वतंत्रता दिवस के दिन विभिन्न नगरों में 'तिरंगा रैली' आयोजित करने अथवा पूर्व से आयोजित होने वाली रैली में अनिवार्य रूप से सम्मिलित होने का आदेश दिया है। इसके अलावा, मदरसा बोर्ड ने समस्त मदरसा संचालकों को यह भी आदेश दिया है कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर वे अपने-अपने मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज फहराएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करें तथा इन सभी कार्यक्रमों की फोटो मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड के कार्यालय को भेजें। यह आदेश मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड ने प्रदेश के समस्त मदरसा संचालकों को 10 अगस्त 2017 को जारी किए हैं। मध्यप्रेदश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन सैय्यद इमादउद्दीन ने बताया, "इस बार हमने 4,750 पंजीकृत मदरसा संचालकों और इनमें पढ़ रहे करीब ढाई लाख छात्र-छात्राओं को स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने-अपने नगरों में 'तिरंगा रैली' आयोजित करने अथवा पूर्व से आयोजित होने वाली रैली में अनिवार्य रूप से सम्मिलित होने के आदेश दिए हैं।"
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धार: मध्य प्रदेश के धार में सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले गांव वालों के समर्थन में अनशन पर बैठीं मेधा पाटकर और उनके समर्थकों को पुलिस ने ज़बरदस्ती हटा दिया है। इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों को बीच झड़प भी हुई। उपवास से मेधा का स्वास्थ्य बिगड़ रहा था। मेधा पाटकर की मांग है कि इलाक़े के हर एक व्यक्ति का जब तक पुनर्वास नहीं हो जाए तब तक विस्थापन रोका जाए। बता दें कि पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन की मांग को लेकर मेधा अन्य 11 लोगों के साथ 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं। धार जिले के चिखिल्दा में चल रहे उपवास को विभिन्न दलों से लेकर सामाजिक संगठनों का साथ मिल रहा है। सोमवार की शाम को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी धरना स्थल पर पहुंचे और जबरन मेधा पाटकर व उनके साथियों को उठाकर अपने साथ ले गए। आंदोलनकारियों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया. इस दौरान दोनों के बीच झड़प भी हुई। मेधा की बिगड़ती तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चिंता जता चुके हैं और उनसे उपवास खत्म करने का आग्रह कर चुके हैं।
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