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धार/नई दिल्ली: सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए चिखल्दा गांव में उपवास पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की पैरोकार मेधा पाटकर और 11 अन्य लोगों की हालत बिगड़ने लगी है। चिकित्सकों ने परीक्षण में शुक्रवार को पाया कि रक्तचाप में गिरावट आई है और शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो रही है। बांध की उंचाई बढ़ाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के लगभग 192 गांव और लगभग 40 हजार परिवार डूब क्षेत्र में आने वाले हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक सभी के पुनर्वास के निर्देश दिए थे, मगर अब तक सारे काम अधूरे पड़े हुए हैं। बेहतर पुनर्वास की मांग को लेकर मेधा पाटकर 11 अन्य लोगों के साथ उपवास पर हैं। मेधा सहित अन्य की तबीयत बिगड़ने पर जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और चिकित्सकों का दल जांच के लिए भेजा, चिकित्सकों के दल ने पाया है कि मेधा सहित लगभग सभी का रक्तचाप काफी कम हो गया है, इतना ही नहीं शरीर में पानी की कमी है। इस स्थिति में उन्हें अस्पताल में भर्ती करना चाहिए, मगर वे दवा लेने और अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं हैं।

इंदौर: गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई के बाद इन दिनों मध्यप्रदेश में किसानों के मुद्दों को लेकर सक्रिय हार्दिक पटेल ने कहा कि वह फिलहाल चुनावी राजनीति में किस्मत नहीं आजमाएंगे। इस साल के अंत तक गुजरात विधानसभा के चुनाव होने हैं। पटेल ने कहा, "मेरा चुनाव लड़ने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। मेरा न तो कोई राजनीतिक मकसद है, न ही मैं किसी सियासी दल का चेहरा हूं। मैं केवल समाज और कृषि क्षेत्र के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहा हूं।’’ 24 वर्षीय नेता ने कहा, "मैं चुनावी सियासत में उतरने के बारे में उचित समय पर फैसला करूंगा।" उन्होंने एक सवाल पर गुजरात के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला (77) के कांग्रेस छोड़ने को 'उनकी उम्र के लिहाज से अच्छा निर्णय' बताया। लेकिन कहा कि गुजरात के अगले विधानसभा चुनावों में वाघेला के साथ किसी संभावित गठबंधन को लेकर उनकी फिलहाल न तो कोई योजना है, न ही इस सिलसिले में दोनों नेताओं के बीच कोई बात हुई है।

इंदौर: राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज आरोप लगाया कि गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश में संभवतः इस महीने के आखिर तक विस्थापित होने जा रहे लोगों के साथ शिवराज सिंह चौहान सरकार कोई संवाद नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे करीब 18,000 परिवारों का पुनर्वास अब तक नहीं हो सका है। दिग्विजय ने यहां हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, "जब मैं मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री था तो बाँध विस्थापितों के मुद्दे पर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के साथ चर्चा करता था, लेकिन चौहान ने मुख्यमंत्री के रूप में एक बार भी मेधा और बाँध विस्थापितों से सीधा संवाद नहीं किया।" कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सरदार सरोवर बाँध परियोजना से विस्थापित होने वाले करीब 18,000 परिवारों का अब तक पुनर्वास नहीं हुआ है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इस बाँध के विस्थापितों के पुनर्वास से जुड़े उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया गया है। राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘‘हम नर्मदा घाटी में विस्थापन के हालात का अध्ययन करने के बाद संसद में यह मामला उठाएंगे।’’

भोपाल: मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने संसदीय सत्रों में कामकाज के दिनों की संख्या कम होते जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसा कानून बनाने की जरूरत है जो सांसदों के लिए कम से कम 100 दिन की सक्रिय उपस्थिति को अनिवार्य बनाए। येचुरी ने कहा कि ऐसा करने पर ही सरकार की जवाबदेही तय होगी। कम्युनिस्ट नेता शैलेन्द्र शैली की स्मृति में आयोजित व्याख्यान माला के अंतर्गत 'संवैधानिक मूल्यों पर खतरे और सिकुड़ता जनतंत्र” विषय पर येचुरी ने कल शाम यहां कहा, 'एक ऐसा क़ानून बनाने की ज़रूरत है जो कम से कम 100 दिन की सक्रिय उपस्थिति को सांसदों के लिए अनिवार्य करे। संसदीय कार्यवाहियां सुचारू रूप से चलाने के लिए आज बहुत जरूरी हो गया है कि संसदीय कार्यों के प्रति अरुचि व लापरवाही खत्म हो। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में देश में 60-70 दिन प्रति वर्ष से अधिक संसद नहीं बैठी। ऐसे में सरकार की जवाबदेही कैसे होगी? उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में संसद एक साल में लगभग 200 दिन बैठती है।

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