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भोपाल: राजधानी भोपाल में पुलिस शुक्रवार रात बजरंग दल के एक नेता और कुछ कार्यकर्ताओं के सामने बेबस नजर आई। शराब पीकर पुलिस से मारपीट के आरोप में पकड़े गए बजरंग दल के नेता कमलेश ठाकुर को छुड़ाने के लिए समर्थकों ने पुलिस थाने में हंगामा कर दिया। जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकना चाहा तो उन्होंने सड़क पर चक्काजाम करने की कोशिश की। पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी आरोपी को ना सिर्फ छुड़ा कर ले गये, बल्कि खाकी को मुंह चिढ़ाते हुए उसे कंधे पर बिठाकर घुमाने लगे। पुलिस सूत्रों के आरोप है कि बजरंग दल का प्रांतीय संयोजक कमलेश ठाकुर नशे में धुत, भोपाल के 10 नंबर मार्केट में शराब पी रहा था, देर रात पुलिस ने इस पर ऐतराज जताया तो उसने पुलिसकर्मियों के साथ गाली गलौच शुरू कर दी। पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने एक पुलिसकर्मी का कॉलर पकड़ लिया। जब पुलिस उसे अपने साथ हबीबगंज थाने लाई तो बजरंग दल के कार्यकर्ता भी वहां जुट गये। 40-50 की तादाद में आए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के सामने पुलिस बेबस खड़ी रही और कार्यकर्ता अपने नेता को कंधे पर बिठाकर चलते बने।

भोपाल: मध्यप्रदेश राजस्व विभाग की महिला अधिकारी अमिता सिंह तोमर ने प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार किए जा रहे अपने तबादले से परेशान होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है। तहसीलदार अमिता का दो दिन पहले ही राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील से सीधी जिले में तबादला किया गया है। यह उनकी 13 साल की नौकरी के दौरान नौवां तबादला है। अब तक वह प्रदेश के विभिन्न जिलों की 25 तहसीलों में काम कर चुकी हैं। राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील में पदस्थ महिला तहसीलदार अमिता ने बताया, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मेरा बार-बार तबादला करने के मामले में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा, '13 साल की नौकरी के दौरान यह मेरा नौवां तबादला हुआ है। इसके अलावा मुझे अब तक 25 तहसीलों में काम करने हेतु शिफ्ट भी किया गया है। 'कौन बनेगा करोडपति' में 50 लाख रुपये जीतने एवं फेसबुक में विवादित टिप्पणी करने के बाद सुर्खियों में रही अमिता ने बताया, 'मैंने राज्य सरकार से मांग की थी कि मेरे स्वयं के व्यय से मेरा स्थानांतरण मेरे गृह जिले ग्वालियर में किया जाए।

नई दिल्ली: पेड न्यूज मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अयोग्यता के फैसले पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अब मिश्रा 17 जुलाई को होने वाली राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने नरोत्तम की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट को तय करना था कि मिश्रा 17 जुलाई को होने वाली राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं या नहीं। गुरुवार को सुनवाई के दौरान नरोत्तम की ओर से कहा गया था कि चुनाव आयोग ने ये फैसला करने में देरी की है। वहीं शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि ये कोई आधार नहीं है। ये नहीं कहा जा सकता कि निपटारे में देरी हुई और केस को बंद कर दिया जाए। बुधवार को मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यप्रदेश से दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट 17 जुलाई को होने वाली राष्ट्रपति चुनाव वोटिंग से पहले सुनवाई पूरी कर निपटारा करें।

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया। हालांकि कोर्ट ने बुधवार को मामले को मध्यप्रदेश से दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया। शीर्ष अदालत ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह उचित पीठ गठित कर गुरुवार से ही सुनवाई करे और मामले का निपटारा 17 जुलाई से पहले करे। दरअसल, मिश्रा राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने की अनुमति चाहते हैं। भाजपा नेता ने 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव में वोट देने की अनुमति के लिए दायर याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और कांग्रेस के नेता राजेंद्र भारती की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि वे दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शाम को ही पेश होकर, मामले की सुनवाई के लिए पीठ गठित करने का आग्रह करें। पीठ ने कहा कि हम इस संबंध में आदेश पारित कर रहे हैं।

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