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भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। भाजपा नेताओं की ओर से शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। भोपाल में क्राइम ब्रांच ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित बारह लोगों पर फ़र्ज़ी वीडियो बनाकर उसे प्रसारित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस मामले में रात को भाजपा नेताओं ने पुलिस में शिकायत की थी।

आरोप है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के 21 जनवरी 2020 के एक वीडियो में छेड़छाड कर उसे छोटा कर दिग्विजय सिंह के ट्विटर हैंडल से रविवार को जारी किया गया था, जिसे बाद में हटा लिया गया था। इस वीडियो में शिवराज कहते दिखते हें की ख़ूब शराब पिलाओ की लोग पड़े रहें। इस वीडियो को रीट्विट करने वाले 11 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। एक एफआईआर रविवार शाम को दर्ज की गई थी। रीट्वीट करने के साथ कुछ कमेंट भी किए गये थे। जिसमें 11 आरोपी हैं। दूसरे में आईपीसी की धारा 500, 501, 505 ( 2), 465 के तहत मामला दर्ज हो गया।

शहडोल: मध्य प्रदेश के शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर पररेडी गांव के पास शनिवार को चूने की खदान धंसने से दो महिलाओं और एक नाबालिग सहित छह लोगों की मौत हो गयी तथा चार अन्य घायल हो गये। ब्योहारी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पटेल ने बताया कि घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने बताया कि पररेडी गांव के पास स्थित चूने की खदान में हादसे के वक्त 20 लोग खुदाई कर रहे थे। खदान धंसने से इनमें से पांच लोगों की मलबे में दबने से घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि एक व्यक्ति ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि हादसे में दस लोग बाल-बाल बच गये। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद खदान क्षेत्र को बंद कर दिया गया है।

जिलाधिकारी डॉ सतेन्द्र सिंह ने कहा कि खदान अवैध रुप से नहीं चलाई जा रही थी। लोग चूना लेने के लिए यहां खुदाई कर रहे थे।

भोपाल: मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में एक और सियासी भूचाल आने की संभावना बनने लगी है और यह राज्यसभा चुनाव के दौरान नजर भी आ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस को एक और झटका देने की तैयारी में लगी है। राज्य में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों द्वारा कांग्रेस का साथ छोड़े जाने से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और भाजपा को लगभग 15 माह बाद एक बार फिर सत्ता में आने का मौका मिल गया।

कांग्रेस में यह टूट अचानक नहीं हुई थी, बल्कि इसके लिए भाजपा द्वारा लंबे अरसे से सिंधिया के अनुकूल मैदानी पिच तैयार करने की कवायद चल रही थी। आखिरकार भाजपा को सफलता मिली और सिंधिया कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आ गए। राज्य में आगामी समय में 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले हैं मगर भाजपा की कोशिश है कि इन चुनावों से पहले कांग्रेस को एक और झटका दिया जाए और इसके लिए उसके पास सबसे उपयुक्त मौका राज्यसभा का चुनाव है।

भोपाल: मध्य प्रदेश में उपचुनाव के माहौल में सियासी नूराकुश्ती का दौर और जोर पकड़ रहा है। उपचुनाव की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक कथित ऑडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि इसमें वह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने का फैसला भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने लिया था। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट साथ नहीं देते तो कमलनाथ सरकार को नहीं गिरा पाते।  दावा किया जा रहा है यह बात उन्होंने दो दिन पहले इंदौर में सांवेर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही थी।

कहा जा रहा है कि रेसीडेंसी कोठी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यकर्ताओं से यह भी पूछा कि अगर तुलसी सिलावट उप-चुनाव में विधायक नहीं बन पाए तो क्या वे मुख्यमंत्री रह पाएंगे, क्या प्रदेश में भाजपा की सरकार रह पाएगी? इस पर कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया नहीं।

मुख्यमंत्री के भाषण का कथित आडियो क्लिप तेजी से वायरल होने के बाद उनपर सियासी हमले तेज हो गए हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा और केंद्र सरकार को घेरा है।

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