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नई दिल्ली: आप अपने घरों में ताला बंद करके क्या रखते हैं? सोना-चांदी, नकदी और ऐसे ही मूल्यवान चीजों को ना? लेकिन देश में कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां सोना-चांदी या नकदी की तरह लोग पानी को भी ताला बंद करके रखते हैं। डर है कोई चुरा ना ले। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले का भी यही हाल है। कोरोना वायरस संकट के दौरान जब विशेषज्ञ बार-बार हाथ धोने की सलाह दे रहे हैं, कई इलाकों में लोगों के पास गला तर करने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं है, हाथ बार-बार कैसे धोएंगे।

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में इन दिनों लोग पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं। गर्मी बढ़ने के साथ ही यहां पानी पाताल लोक में पहुंच गया है। हैंडपंप सूख चुके हैं। झाबुआ जिले के झोनसार गांव के लोग तीन किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं। दिन की शुरुआत होते ही लोग पानी के लिए भटकने लगते हैं। कोई बैलगाड़ी से तो कोई सिर पर मटका, बाल्टी, बर्तन रखकर 3 किलोमीटर दूर से पानी लाता है। गांव के निवासियों ने बताया कि पूरे पंचायत का यही हाल है। ड्रम में ताला मारने की वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि ऐसा पानी को चोरी होने से बचाने के लिए करते हैं।

एक ग्रामीण ने कहा, ''पूरे पंचायत में पानी की भारी किल्लत है। कई बार पानी चुरा लिया जाता है। इसलिए हम ताला लगाकर रखते हैं।''

पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट झाबुआ के एनएस भिड़े ने कहा, ''वहां पावर पंप और हैंडपंप लगाए गए हैं। हम जल जीवन मिशन के तहत और व्यवस्था करेंगे। गर्मियों में पानी का स्तर बहुत नीचे चला जाता है। इसलिए लोगों को समस्याएं होती हैं। यदि हैंडपंप काम नहीं कर रहे हैं तो हम उनकी मरम्मत करेंगे।''

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