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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बुधवार को भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर पर 72 घंटे तक प्रचार करने से रोक लगा दी है। एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे और बाबरी मस्जिद पर उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के बाद यह निर्णय लिया गया है।आयोग ने उनकी टिप्पणियों की ''कड़ी निंदा" की और भविष्य में यह गलती ना दोहराने की ''चेतावनी" दी। चुनाव आयोग ने कहा कि प्रज्ञा ने हालांकि दिवंगत आईपीएस अधिकारी से संबंधित अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है, लेकिन आयोग को लगता है कि उनका यह बयान ''अनुचित है। प्रज्ञा पर दो मई सुबह छह बजे से यह प्रतिबंध लागू होगा।

प्रज्ञा ने कहा था कि करकरे उनके शाप के कारण 26/11 मुम्बई हमले में मारे गए, क्योंकि मालेगांव विस्फोट मामले में जांच के दौरान आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख ने उन्हें काफी ''प्रताड़ित" किया था।

पिछले दिनों प्रज्ञा ठाकुर ने हेमंत करकरे की शहादत को अपने द्वारा दिए गए श्राप का नतीजा बताते हुए कहा था, “उन दिनों मैं मुंबई जेल में थी। जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते। तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर मैंने जवाब दिया कि इसे भगवान जाने। इस पर करकरे ने कहा कि 'तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा'।”

प्रज्ञा ठाकुर ने यह भी कहा था कि वह 1992 में अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को तोड़ने में अपने योगदान पर भी काफी ''गर्व" महसूस करती हैं।उन्होंने एक टीवी चैनल से बीते 21 अप्रैल को कहा था, “बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं। हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उनको हमने हटा दिया।”

प्रज्ञा ठाकुर ने आगे कहा, “हम गर्व करते हैं, इस पर हमारा स्वाभिमान जागा है, प्रभु राम जी का भव्य मंदिर भी बनाएंगे। ढांचा तोड़कर हिंदुओं के स्वाभिमान को जागृत किया है। वहां भव्य मंदिर बनाकर भगवान की आराधना करेंगे, आनंद पाएंगे।” इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने प्रज्ञा को नोटिस थमाकर जवाब मांगा था। चुनाव आयोग ने नोटिस में प्रज्ञा सिंह ठाकुर के टीवी चैनल पर आए बयान का जिक्र करते हुए कहा था कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।

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