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मुंबई: महाराष्ट्र के कई जिलों में हुए परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हार का सामना करना पड़ा है। अपनी पारंपरिक जिले नागपुर में भी भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पाई। यहां कांग्रेस के 30 सीटों के मुकाबले भाजपा को 15 सीटें ही मिली हैं। वहीं एनसीपी ने 10 सीटें मिली हैं. बता दें कि नागपुर जिला परिषद में कुल 58 सीटें थी। पिछले बार नागपुर में भाजपा को 22 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस के हाथ में 19 सीटें लगी थीं। जबकि एनसीपी को 7 सीटों पर जीत हाथ लगी थी। इस बार के चुनाव में खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के गांव में भी भाजपा अपनी सीट नहीं बचा पाई है।

नागपुर के अलावा वाशिम जिला परिषद में भाजपा को सात सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस ने यहां कुल 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। उधर, अकोला में भाजपा को सात, कांग्रेस को 5 और शिवसेना को 11 सीटें मिली हैं। धुले जिला परिषद के चुनाव में भाजपा ने पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 13 सीटों के मुकाबले 39 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। पिछली बार कांग्रेस को जिला परिषद के चुनाव में कुल 30 सीटें मिली थीं। लेकिन इस बार कांग्रेस के हाथ महज सात सीटें आई हैं।

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा ने लोकसभा और राज्य विधानसभा में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण को 10 साल तक आगे बढ़ाने वाले विधेयक को मंजूरी दी। इसके अलावा महाराष्ट्र विधानसभा भारत में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी जानने के लिए जाति आधारित जनगणना की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित किया है। संविधान संशोधन विधेयक की अभिपुष्टि के लिए विधानसभा का एक दिन का सत्र आयोजित किया गया था। विधेयक 11 दिसंबर को संसद से पारित हो चुका है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पेश किया था, जिसका विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने समर्थन किया।

दोनों ही सदनों की एक संयुक्त बैठक को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने संबोधित किया था। उनके मसौदा भाषण को राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मंजूरी दे दी थी। इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज्य विधानसभा के आगामी बजट सत्र में प्रस्ताव को स्थानांतरिक किया जाना चाहिए क्योंकि इसके लिए उचित चर्चा की जरूरत है।

मुंबई: जेएनयू हिंसा के खिलाफ मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर छात्रों के प्रदर्शन के दौरान फ्री कश्मीर का पोस्टर दिखाए जाने के मामले में मुंबई पुलिस एक्शन में आ गई है। पुलिस ने 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर लहराने वाली महिला महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ केस दर्ज किया है। महक ने गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान फ्री कश्मीर का पोस्टर उठा रखा था। इस पर विवाद होने के बाद आज महक ने इसपर सफाई दी।

महक ने इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए वीडियो में बताया कि मैंने गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान एक पोस्टर उठाया था। यह पोस्टर वहां पर ही पड़ा था। मैंने इसे सिर्फ इसलिए उठाया था क्योंकि मैं कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल सेवा बहाल करने की बात कहना चाह रही थी। मैं कश्मीरी नहीं बल्कि मुंबई की रहने वाली हूं। मैं किसी गैंग का हिस्सा नहीं हूं। 37 साल की महक मिर्जा प्रभु मुंबई की रहने वाली हैं। महक लेखक और कहानीकार हैं।

मुंबई: जेएनयू हिंसा के खिलाफ मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर हो रहे प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर लहराने वाली लड़की का वीडियो सामने आया है। इसका नाम महक मिर्जा है। महक ने इस पोस्टर को लेकर हो रहे बवाल पर सफाई दी है। महक ने इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए वीडियो में बताया, 'गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान एक पोस्टर उठाया था। यह पोस्टर वहां ही पड़ा था। मैंने इसे सिर्फ इसलिए उठाया था क्योंकि मैं कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल सेवा बहाल करने की बात कहना चाह रही थी। मैं कश्मीरी नहीं बल्कि मुंबई की रहने वाली हूं। मैं किसी गैंग का हिस्सा नहीं हूं।'

गौरतलब है कि इस पोस्टर को लेकर भाजपा अब महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर हो गई है। इस पोस्टर को लेकर आरोप लगाया कि इस पोस्टर को लेकर प्रदर्शन करने वालों के कुछ और ही इरादे थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या उन्हें फ्री कश्मीर भारत विरोधी अभियान बर्दाश्त है?

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