मुंबईः शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर एकनाथ शिंदे गुट पर हमला बोला है। उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि शिवसेना के ईमानदार कार्यकर्ता उनके साथ हैं जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला विद्रोही खेमा बिना पैसे के काम नहीं कर सकता है। मुंबई में शिवसैनिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि लोग विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे देशद्रोहियों को सबक सिखा सकें। उन्होंने कहा कि शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में विधानसभा चुनाव को आगे बढ़ाने की हिम्मत नहीं है।
ठाकरे ने कहा, वे बिना 'खोखा' (पैसे का डिब्बा) के काम नहीं कर सकते। हमारे पास बक्से भी हैं, जो ईमानदार और शिवसेना के प्रति वफादार लोगों से भरे हुए हैं। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुटों द्वारा विधायकों की अयोग्यता और अन्य तकनीकी मुद्दों पर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई कर सकता है।
इसे लेकर शिवसेना प्रमुख ने कहा, मुझे परवाह नहीं है कि अदालत क्या फैसला करती है। मैं न्यायपालिका का सम्मान करता हूं।
39 विधायकों के विद्रोह के बाद सरकार गिरी
शिंदे और शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों के विद्रोह के कारण जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। एमवीए सरकार के पतन के बाद, शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस नई सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं।
आदित्य बोले- पीठ में छुरा घोंपकर क्या हासिल हुआ
वहीं, शिवसेना के विधायक एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि पार्टी ने हर तरीके से विधायकों की मदद की, ऐसे में बगावत करने वाले विधायकों को पार्टी नेतृत्व की पीठ पर 'छुरा घोंपकर' क्या हासिल हुआ। आदित्य ने जलगांव में शनिवार को एक रैली में यह बात कही। जलगांव शिवसेना से बगावत करने वाले नेता एवं वर्तमान में मंत्री गुलाबराव पाटिल का विधानसभा क्षेत्र है।