मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से शिवसेना सांसदों की बैठक बुलाई गई। बैठक का मुख्य एजेंडा राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन को लेकर था। बैठक में मौजूद 16 सांसदों ने उद्धव ठाकरे से राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के समर्थन करने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मांग पर दो दिन में फैसला ले सकते हैं। हालांकि, शिवसेना के कई सांसदों के शिंदे गुट के साथ जाने की चर्चाओं के बीच बैठक को काफी अहम माना जा रहा था। अगर शिवसेना मुर्मू का समर्थन करती है तो एनडीए के बीच तल्खी दूर होने का एक संकेत मिल सकता है।
सांसद गजानन कीर्तिकर ने बताया कि बैठक के दौरान शिवसेना के लोकसभा के 16 और राज्यसभा के दो सांसद मौजूद रहे। हालांकि बैठक में दो सांसद नहीं पहुंचे। भावना गवली और श्रीकांत शिंदे मौजूद नहीं थे।कीर्तिकर ने बताया कि बैठक में 16 सांसदों ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन को लेकर कहा कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी महिला हैं। इसलिए हमें उनके पक्ष में मतदान करना चाहिए। इसके पहले भी हम मराठी के मुद्दे पर प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन कर चुके हैं।
सांसदों की राय जानने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगले दो-तीन दिन में इस मुद्दे पर फैसला लूंगा।
उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री में आयोजित बैठक में राज्यसभा सांसद संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी व लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकार, विनायक राऊत, अरविंद सावंत, हेमंत गोडसे, धैर्यशील माने, श्रीरंग बरने, राहुल शेवाले, प्रतापराव जाधवी, सदाशिवराव लोखंडे, राजेंद्र गावित, राजन विचारे और ओमप्रकाश राजेनिंबालकर सहित अन्य सांसद भी पहुंचे।
बता दें कि बीते दिनों शिवसेना सांसद राहुल शेवाले उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की अपील कर चुके हैं। लेकिन पूर्व में शिवसेना ने एनडीए के साथ नाता तोड़ लिया था और प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी (दोनों कांग्रेस नेताओं) की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। शिवसेना ने 2019 में एनडीए छोड़ दिया और महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई।