नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में पिछले कुछ दिनों से जारी घमासान आज थमने के आसार हैं। दरअसल, शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। शिंदे गुट की ओर से इस मामले में याचिका दायर की गई थी और 16 विधायकों को मिले नोटिस को अवैध करार दिया गया था। इस मामले में उद्धव गुट ने भी अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश की थीं। इसके बाद कोर्ट ने सोमवार के लिए इस मामले को सूचीबद्ध कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ शिंदे के भविष्य का फैसला भी हो जाएगा। उद्धव गुट की ओर से जिन 16 विधायकों को नोटिस जारी किए गए हैं, उसमें महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे भी हैं। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट के खिलाफ फैसला सुनता है, तो महाराष्ट्र में एक बार फिर से सियासी पेंच फंस सकता है। इसके अलावा शिवसेना की अन्य याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। उद्धव गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत उन्होंने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
ठाकरे गुट ने तीन और चार जुलाई को हुई विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें सदन में नए अध्यक्ष का चुनाव किया गया था। कोर्ट ने इस याचिका को भी आज के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।
53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस
उधर, महाराष्ट्र के सियासी उठापटक के बीच राज्य विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने दोनों पक्षों की शिकायत मिलने पर शिवसेना के दोनों गुटों के 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सभी को एक सप्ताह के भीतर जवाब देना है। शिवसेना के 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर पर महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा कि जब भी हमें कोई आवेदन मिलता है तो हमें उस पर कार्रवाई करनी होती है इसलिए प्रत्येक विधायक को नोटिस जारी किया गया है जिसके खिलाफ आवेदन किया गया था।