मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव का परिणाम आ गया है. विधान परिषद की कुल 10 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खाते में पांच, शिवसेना और एनसीपी दो-दो और कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है। शिवसेना की तरफ से सचिन अहिर और आमश्या पाडवी को जीत मिली है। जबकि एनसीपी की तरफ से रामराजे निंबालकर और एकनाथ खड़से को जीत मिली है। वहीं भाजपा की तरफ से प्रसाद लाड, श्रीकांत भारतीय, प्रवीण दरेकर, उमा खापरे और राम शिंदे ने बाजी मारी है। कांग्रेस के उम्मीदवार भाई जगताप को भी जीत मिली है।
अप्रत्याशित है भाजपा के लिए यह जीत
इससे पहले रिटर्निंग ऑफिसर ने एनसीपी और भाजपा के एक-एक वोट को अवैध करार दे दिया था। यह निर्णय दोनों दलों के नेताओं द्वारा ऑब्जेक्शन करने के बाद किया गया था। सूत्रों के अनुसार विधान परिषद में कांग्रेस के कुल 44 विधायक मौजूद थे लेकिन वोटिंग के अनुसार इनमें से सिर्फ 41 ने ही कांग्रेस को पहले प्राथमिकता देते हुए मतदान किया। जबकि कांग्रेस के तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।
बता दें कि इस चुनाव में पांच भाजपा उम्मीदवारों का जीत जाना पार्टी के लिए काफी बड़ी बात है। विधानपरिषद की कुल दस सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें से पांच उम्मीदवार भाजपा के और छह महाविकास अघाड़ी गठबंधन के थे। लेकिन पर्याप्त संख्याबल न होने के बावजूद भाजपा की यह जीत अप्रत्याशित है। वहीं महाविकास अघाड़ी के लिए यह बेहद करारी हार मानी जा रही है।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज्य विधान परिषद के लिए होने वाले चुनाव में क्रॉस-वोटिंग की संभावना से इंकार करते हुए रविवार को कहा था कि इस चुनाव में उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कोई विभाजन नहीं होगा।
ठाकरे ने शिवसेना के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि हमने कल होने वाले विधान परिषद चुनावों के लिए अपने सभी विधायकों को एकजुट रखा है। इसे आज के समय में लोकतंत्र कहा जाता है।
उन्होंने कहा था कि पार्टी को भविष्य में और अधिक विधायक चुने जाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। शिवसेना राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ सत्ता में है। ठाकरे ने यह भी कहा था कि वह सोमवार को होने वाले एमएलसी चुनावों को लेकर चिंतित नहीं हैं।