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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या को लेकर पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी पर चौतरफा हमला किया। उन्होंने कहा कि हमारा हिन्दुत्व अब गदाधारी हो गया है, तो अब क्या जम्मू कश्मीर में हनुमान चालीसा पढ़ोगे? भाजपा को फर्जी हिन्दुत्व पार्टी बताकर ठाकरे ने भाजपा पर जमकर निशाने पर लिया।

मुंबई में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, "हमारा 'हिंदुत्व' 'गदाधारी' हो गया है। कश्मीरी पंडित राहुल भट को जम्मू-कश्मीर में तहसील कार्यालय में आतंकवादियों ने मार डाला था, अब आप (भाजपा) क्या करेंगे? क्या आप वहां हनुमान चालीसा पढ़ेंगे"?

भाजपा को फर्जी 'हिंदुत्व पार्टी' बताते हुए ठाकरे ने भगवा पार्टी पर अपना हमला जारी रखा। उन्होंने कहा कि "मुद्रास्फीति के बारे में कोई नहीं बोल रहा है। हमने भाजपा के साथ गठबंधन के कारण अपने 25 साल बर्बाद कर दिए, वह सबसे खराब हैं। नकली 'हिंदुत्व' पार्टी जो पहले हमारे साथ थी, देश को नरक में ले गई है।"

उद्धव ने कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने के प्रयासों को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा। उनके मुताबिक, शिवसेना के मुखपत्र सामना ने कभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपमान नहीं किया बल्कि राज्य और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर प्रकाश डाला। उद्धव ने कहा कि भाजपा गंदी राजनीति कर रही है। उद्धव ठाकरे को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी।

राज्य में हनुमान चालीसा के जाप को लेकर उठे विवाद के बीच ठाकरे का यह गुस्सा सामने आया है, जो सांसद नवनीत राणा और रवि राणा की गिरफ्तारी के बाद बढ़ गया। राणा दंपत्ति को 12 दिन बाद रिहा कर दिया गया है। भाजपा ने अपने पूर्व सहयोगी पर हमला करने, उसकी हिंदुत्व साख पर सवाल उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा नेता सीटी रवि ने दरअसल ठाकरे की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की थी।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, "वे (भाजपा) दाऊद इब्राहिम को भी पार्टी का टिकट दे सकते हैं। देश में स्थिति बेहद खतरनाक है। जिसे हमने सत्ता में वोट दिया और जिस पर भरोसा किया, वह हमारी पीठ में छुरा घोंप रहा है। महामारी के दौरान सबसे अच्छा काम महाराष्ट्र ने किया।"

गौरतलब है कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि बडगाम में राहुल भट्ट की हत्या को लेकर शिवसेना ने केंद्र से सवाल किया है। उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी अगर कश्मीरी पंडित और आम जनता सुरक्षित नहीं है तो आपको कड़े कदम उठाने की जरूरत है। कश्मीरी पंडितों और कश्मीर की समस्या का समाधान हनुमान चालीसा और मस्जिदों (मस्जिदों पर लाउडस्पीकर) जैसे मुद्दों को उठाने से नहीं होगा। सरकार को इस पर व्यावहारिक होना होगा।"

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