मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की ओर से किए गए हमले के मामले में अदालत ने एसटी कर्मचारियों के वकील गुणरत्न सदावर्ते समेत हमले में शामिल कुल 110 एमएसआरटीसी कर्मचारियों पर फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कुल 110 कर्मचारियों को जेल में भेजने की ज़रूरत नहीं है। आरोपी गुणरत्न सदावर्ते ने भड़काऊ बयान दिया जिसके आधार पर यह आंदोलन हुआ।
कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस को अपनी जांच में ऐसा लगता है कि इस मामले में कुछ या सभी आरोपी की जांच की ज़रूरत है तो वो कस्टडी के लिए अपील कर सकती है। जांच के बाद अगर जांच अधिकारी को आरोपी गुणरत्न सदावर्ते को छोड़ दूसरे आरोपियों की कुछ और जानकारी मिलती है तो उनकी कस्टडी की मांग की जा सकती है।
बता दें कि शुरुआती जांच के बाद अदालत ने हमला करने वाले 109 आरोपियों को जुडिशल कस्टडी पर भेजा था, लेकिन साथ ही उनके बेल एप्लीकेशन को रद्द कर दिया।
आरोपी गुणरत्न सदावर्ते से पूछताछ के लिए कोर्ट ने उन्हें 2 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा है।
गौरतलब है कि एमएसआरटीसी के हजारों कर्मचारी नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं। ये मांग कर रहे हैं कि उनके साथ, राज्य कर्मचारियों के समान व्यवहार किया जाए और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे निगम का सरकार में विलय कर दिया जाए। बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से हड़ताली कर्मचारियों को 22 अप्रैल से ड्यूटी पर आने का निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद यह प्रदर्शन आयोजित किया गया।