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मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पहले से गिरफ्तार महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुसीबतें बढ़ गई हैं। ऑर्थर रोड जेल में बंद देशमुख को सीबीआई ने अपनी हिरासत में लिया है। 100 करोड़ वसूली टारगेट के आरोप की जांच कर रही सीबीआई इसके पहले अनिल देशमुख के पीए और पीएस संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे के साथ बर्खास्त एपीआई सचिन वझे को भी गिरफ्तार कर चुकी है। बुधवार को अदालत में लंबी बहस के बाद देशमुख को 11 अप्रैल तक सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया। सीबीआई पूछताछ के लिए देशमुख को दिल्ली भी ले जा सकती है। इसलिए अदालत में उनकी तरफ से सीबीआई रिमांड का विरोध किया गया और खराब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया गया।

अदालत में सीबीआई ने देशमुख की 10 दिन तक रिमांड मांगते हुए बताया कि पूर्व मंत्री, सचिन वझे के माध्यम से मुंबई के बार मालिकों से फिरौती वसूल रहे थे और इसके लिए पलांडे और शिंदे वझे के संपर्क में थे। वझे 4.60 करोड़ की फिरौती वसूल भी चुके थे।

सीबीआई काउंसिल ने बताया कि हम पलांडे, शिंदे और वझे को पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं। इसलिए हम देशमुख को गिरफ्तार कर चारों से आमने-सामने पूछताछ करना चाहते हैं। सीबीआई ने आरोपियों को दिल्ली ले जाने की बात भी बताई और कोर्ट को बताया कि हमारा पूरा सेटअप दिल्ली में है। आरोपी के साथ-साथ सबूतों की वैज्ञानिक तरीके से जांच के लिए सभी सुविधाएं और उपकरण दिल्ली में है।

अनिल देशमुख की तरफ से वकील अनिकेत निकम ने बहस की। निकम ने दिल्ली ले जाने का विरोध किया। बताया कि इसके पहले मुंबई में सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ की जा चुकी है। तीन दिन तीन रात पूछताछ की गई थी। निकम ने ये भी बताया कि अनिल देशमुख की तबीयत ठीक नहीं है, वो कई बीमारियों से पीड़ित हैं। 73 साल की उम्र में दिल्ली की लंबी यात्रा उचित नहीं है। पिछले हफ्ते ही बाथरूम में गिरने से कंधे में चोट आई थी जिसकी फिजियोथेरपी चल रही है। जल्द ही सर्जरी करानी पड़ सकती है। कोर्ट ने सीबीआई हिरासत में देशमुख को घर का बना खाना खाने की इजाजत दे दी है। साथ ही मुंबई से दिल्ली ले जाने से पहले जेजे अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी होगा। देशमुख ने इसके पहले सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन दो जजों ने सुनने से इंकार कर दिया था।

बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि अनिल देशमुख को सीबीआई हिरासत से बचने के लिए राज्य सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किया गया। अनिल देशमुख को मंगलवार को दोपहर को ही जेजे अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी, लेकिन जेल नियमावली के मुताबिक शाम पांच बजे के बाद आरोपी को हिरासत में नहीं लिया जाता है। इसलिए दोपहर से रात तक देशमुख को जेजे अस्पताल में ही रखा गया और देर रात ऑर्थर रोड जेल ले जाया गया। लंबी बहस के बाद आखिरकार अदालत ने अनिल देशमुख को 11 अप्रैल तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया।

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