मुंबई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिल्म सिटी के अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए वह दो दिवसीय दौरे पर मुंबई पहुंचे हैं। उन्होंने नोएडा फिल्म सिटी को लेकर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से मुलाकात भी की। वहीं, शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पूछा है कि क्या सीएम योगी अन्य राज्यों में बनी फिल्म सिटी को लेकर भी वहां के कलाकारों से बात करेंगे या फिर सिर्फ मुंबई में ही ऐसा करने वाले हैं?
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'मुंबई की फिल्म सिटी को दूसरी जगह शिफ्ट करना आसान नहीं है। दक्षिण भारत में भी फिल्म उद्योग बड़ा है, पश्चिम बंगाल और पंजाब में भी फिल्म सिटी है। क्या योगी जी इन स्थानों पर भी जाएंगे और वहां के निर्देशकों/कलाकारों से बात करेंगे या क्या वह केवल मुंबई में ही ऐसा करने जा रहे हैं?' राउत ने मुख्यमंत्री योगी से सवाल करते हुए पूछा कि पहले सीएम योगी को यह बताना चाहिए कि नोएडा फिल्म सिटी का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि मुंबई की फिल्म सिटी को कोई कहीं नहीं ले जा सकता है।
मुंबई फिल्म सिटी शिफ्ट करने के मुगालते में ना रहें: निरुपम
वहीं, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, 'बॉलीवुड को कोई कहीं नहीं ले जा सकता और ना ही यह किसी सरकार या राजनीतिक पार्टी के संरक्षण का मोहताज है। सिनेमा के दीवानों ने अपनी मेहनत से इस विराट दुनिया को बसाया है और यह इंटरनल प्रक्रिया सौ वर्षों से जारी है। नेता लोग इसे शिफ्ट करने या बचाने के मुगालते में ना रहें।'
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंगलवार रात को मुंबई के ट्राइडेंट होटल में अभिनेता अक्षय कुमार ने मुलाकात की। सीएम योगी इसी होटल में ठहरे हुए हैं। इस अवसर पर योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण की असीम संभावनाएं हैं।
इसके दृष्टिगत राज्य सरकार फिल्म नीति-2018 के माध्यम से फिल्म निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। राज्य में फिल्मों की शूटिंग होने से स्थानीय लोगों को रोजगार व प्रदेश के कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है। प्रदेश में फिल्म की शूटिंग करने वाले निर्माताओं को हर सम्भव सहयोग व सुविधा प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय कुमार ने अपनी कला का सदुपयोग करते हुए ‘टाॅयलेट एक प्रेम कथा’ फिल्म के माध्यम से समाज को प्रेरक संदेश दिया। ऐसी फिल्में समाज में जागरूकता उत्पन्न करने में मददगार सिद्ध होती हैं।
उधर, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुंबई में पोस्टर्स लगवाए हैं, जिसमें उन्हें ऐसा ठग कहा गया है, जो मुंबई से फिल्म इंडस्ट्री ले जाने आया है।
वहीं, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी यूपी में बॉलीवुड जैसी फ़िल्म सिटी बनाने की बात कर रहे हैं, अच्छी बात है। लेकिन ये समझ लेना कि 100 साल से मुंबई को मिला बॉलीवुड का दर्ज़ा ख़त्म हो जाएगा, लोग पूरी तरह से अन्य राज्यों में चले जाएंगे...बॉलीवुड के दर्जे को कोई ख़त्म नहीं कर सकता।'
इससे पहले योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे के पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि वह राज्य से किसी को जबरन कारोबार नहीं ले जाने देंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र को किसी की उन्नति से जलन नहीं है, बशर्ते यह निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के तहत हो। छोटे कारोबारियों की हिमायत करने वाले एक संगठन आईएमसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा, 'हम किसी की प्रगति से नहीं जलते। अगर कोई प्रतिस्पर्धा करके प्रगति करता है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, अगर आप जबरन कोई चीज ले जाना चाहेंगे तो मैं ऐसा नहीं होने दूंगा और आप (उद्योगपति) भी ऐसा नहीं चाहेंगे।'
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने राज्य द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली टैगलाइन 'मैग्नेटिक महाराष्ट्र' का उल्लेख करते हुए ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के पास अपनी संस्कृति और संस्थानों की शक्ति है। ठाकरे ने कहा, 'आज कोई व्यक्ति आ रहा है। वे आपसे भी मुलाकात करेंगे और आपको निवेश करने के लिए कहेंगे। लेकिन उन्हें महाराष्ट्र की आकर्षण क्षमता का पता नहीं है, यह इतना मजबूत है कि लोग यहां से वहां जाना भूल जाते हैं।'
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को झटका लगा लेकिन अब वह धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण बनी स्थिति स्थायी नहीं है और आर्थिक गतिविधियां बहाल हो जाने पर धन प्रवाह भी शुरू हो जाएगा। वहीं, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड को मुंबई से बाहर ले जाने की साजिश की जा रही है।