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मुंबई: भीमा कोरेगांव केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी वरवारा राव को राज्य सरकार की लागत पर नानावती अस्पताल में 15 दिनों के उपचार के लिए भर्ती होने की अनुमति दी है। आरोपी के परिवार को अस्पताल के मानदंडों के अनुसार मिलने की इजाजत भी दी गई है।

कवि, लेखक और 2018 भीमा कोरेगांव केस के आरोपी और जेल में बंद कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव जुलाई में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। न्यायिक हिरासत में नवी मुंबई के तालोजा जेल में बंद 80 वर्षीय राव को उसके बाद सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब राव के परिवार ने उनकी बिगड़ती हालत को लेकर चिंता जताई थी। 

आपको बता दे कि इससे पहले महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हनी बाबू, गौतम नवलखा और 83 वर्षीय स्टेन स्वामी सहित आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। आरोप लगाया गया कि भीमा कोरेगांव हिंसा एक अच्छी तरह से चाक-चौबंद रणनीति थी। ये लोग कोड के माध्यम से माओवादी नेताओं के संपर्क में थे।

चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि नवलखा के पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध हैं।

मामले की जांच करते हुए पुणे पुलिस ने पहले कहा था कि एल्गर परिषद की घटना में भड़काऊ भाषण दिए गए जो कथित रूप में माओवादियों द्वारा वित्त पोषित थे। इन भाषणों से अशांति फैली और 1 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगांव गांव के पास जातिगत झड़पें हुईं। जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। एजेंसी का कहना है कि मिलिंद तेलतुम फरार है, आरोप पत्र में नामित अन्य लोग न्यायिक हिरासत में हैं।

क्टिविस्ट नवलखा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू और मौलवी स्वामी के अलावा चार्जशीट में गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े और कबीर कला मंच के तीन सदस्य- ज्योति जगदीप, सागर गोरखे और रमेश गाईचोर के नाम भी हैं।

 

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