मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही घटक दलों में असंतोष के स्वर उभरने लगे है। कल नए मंत्रियों के शपथ लेते ही जहां शिवसेना के कई विधायकों की नाराजगी सामने आ गई, वहीं देर रात चार बार के एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने विधायकी से इस्तीफे का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा राजनीति के योग्य नहीं है। बीड के मजलगांव सीट से चौथी बार विधायक चुने गए प्रकश सोलंके मंगलवार दोपहर विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया है कि उनके इस्तीफे का मंत्रिमंडल के विस्तार में मंत्री न बनाए जाने से कोई संबंध नहीं है। सोलंके एनसीपी और कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में सोलंके ने कहा कि मैं तीस साल से राजनीति कर रहा हूं लेकिन आजकल ऐसी परिस्थिति बन गई है, जिसमें हम जैसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। सोलंके भले ही अपने इस्तीफे को मंत्री न बनाए जाने से जोड़ने से इनकार कर रहे हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने विधायक का पद तक छोड़ने का एलान कर दिया है उससे साफ है कि महाविकास अघाड़ी में कैबिनेट विस्तार के साथ ही बगावत के सुर उठने लगे हैं।
इससे पहले कल संजय राउत मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में विधानभवन नहीं पहुंचे तो दबे स्वर में लोग कहने लगे कि उनके भाई और विक्रोली से विधायक सुनील राउत को मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से वह नाराज हैं। सुनील राउत फिलहाल मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। उनके अलावा भी शिवसेना में कई अन्य दावेदर पद न मिलने से नाराज हैं। विधायक प्रताप सारनिक, तानाजी सावंत, सुनील प्रभु, रवींद्र वायकर, भास्कर जाधव और रामदास कदम भी इसी वजह से शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे।