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मुंबई: नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं, लोगों और छात्रों ने गुरुवार को अगस्त क्रांति मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह का विरोध प्रदर्शन पुणे और नागपुर में भी हुआ। बता दें कि इसी अगस्त क्रांति मैदान में 1942 में महात्मा गांधी ने तत्कालीन ब्रिटिश शासकों को भारत छोड़ने के लिए कहा था। प्रदर्शनकारियों ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, तानाशाही नहीं चलेगी।

शहर के विभिन्न हिस्सों से हजारों छात्र, विभिन्न समुदायों के लोग और राजनीतिक दल हाथों में तख्तियां, बैनर लिए हुए मैदान की ओर मार्च करते देखे गए। कुछ तख्तियों पर लिखा था- हिंदू-मुस्लिम एक हैं, मोदी शाह फेक हैं, सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराए जाएंगे। भारत को विभाजित करना बंद करो। इस विरोध मार्च में कार्यक्रम स्थल पर शिवसेना के कार्यकर्ता नहीं दिखे। गौरतलब है कि नागरिकता बिल पास होने के बाद से देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। देश के कई हिस्सों में इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।

कई विश्वविद्यालयों के छात्र भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हैं।

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