पुणे: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की कारगर भूमिका पर जोर दिया है। वह रविवार को पुणे में 54वें अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। पीएम मोदी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को बच्चों और महिलाओं समेत समाज के सभी वर्गो में भरोसा पैदा करने के लिए अपनी छवि सुधारने के प्रयास करने चाहिए। प्रधानमंत्री ने आज और कल सम्मेलन में भाग लिया। पिछले दो दिनों में विचार-विमर्श में हिस्सा लेने और बहुमूल्य सुझाव देने के साथ ही उन्होंने आज शाम सम्मेलन के समापन सत्र को भी सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री ने आसूचना ब्यूरो --आई.बी. के अधिकारियों को उल्लेखनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किये।
पीएम मोदी ने सम्मेलन में पुलिस नियोजन और क्रियान्वयन के बेहतर सुझाव देने की सराहना करते हुए कहा कि इनको कार्य योजना में शामिल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने देश में सद्भावना और शान्ति बनाये रखने तथा सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बलों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि लोगों को पुलिसकर्मियों के परिजनों के योगदान को नहीं भूलना चाहिए, जो मजबूती से उनके साथ खड़े रहते हैं।
पीएम मोदी ने पुलिस प्रमुखों से सम्मेलन के निष्कर्षों को राज्य में जिला तथा थाना स्तर तक पहुंचाने का आग्रह किया। राज्य पुलिस बलों की प्रस्तुतियां देखने-सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा अच्छे तौर-तरीकों की एक व्यापक सूची बनायी जा सकती है और इसे सभी राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश अपना सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी में अति सक्रिय पुलिस निगरानी का एक उपकरण उपलब्ध कराया है जिसमें आम जनता की प्रतिक्रिया भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष रूचि प्रदर्शित की। यह क्षेत्र सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी की तहत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इन राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से विकास कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के अतिरिक्त प्रयास करने का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री ने पुलिस अधिकारियों के कर्तव्य पालन में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें इसमें कोई संदेह हो तो उन्हें लोक सेवा परीक्षा के आदर्शों और भावनाओं तथा राष्ट्रीय हित को ध्यान में रख कर काम करना चाहिए। पुलिस अधिकारियों को समाज के सबसे कमजोर और निर्धनतम वर्ग को भी ध्यान में रखना चाहिए।
गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल सम्मेलन में तीनों दिन मौजूद थे। इस वर्ष आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से संबंधित आतंकवाद, नक्सलवाद, तटीय सुरक्षा, साइबर खतरा, कट्टरवाद तथा मादक पदार्थ-आतंकवाद जैसे मुद्दों पर मंथन करने के लिए ग्यारह समूहों का गठन किया गया।