मुंबई: सोहराबुद्दीन के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और इस मामले से जुड़े चार अधिकारियों को राजनैतिक और आर्थिक फायदा हुआ। सोहराबुद्दीन कथित फर्जी एनकाउंटर मामले की जांच करने वाले पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सोमवार को यह बात सीबीआई अदालत में दिए गए बयान में कही। सोहराबुद्दीन कथित फर्जी एनकाउंटर मामले को लेकर मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई चल रही है।
अमिताभ ठाकुर ने अदालत में दावा किया कि सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले से भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह सहित गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, दिनेश एमएन, राजकुमार पांडियन और अभय चूडास्मा को आर्थिक और राजनैतिक फायदा हुआ था। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के बाद पॉपुलर बिल्डर के मालिक पटेल भाइयों ने शाह को कथित रूप से तीन बार में 70 लाख रुपये पहुंचाए थे। 2010 की चार्जशीट के अनुसार अमित शाह ने पटेल भाइयों से 90 लाख रुपये की मांग की थी।
पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा को भी 60 लाख रुपये का आर्थिक फायदा पहुंचाने का आरोप है। इसके अलावा मामले में शामिल अन्य पुलिस अधिकारियों को इस मुठभेड़ से कोई फायदा नहीं होने की बात कही गई है। हलांकि अपने आरोपों को साबित करने के लिए अमिताभ ठाकुर के पास जरूरी सबूत मौजूद नहीं हैं।
जिन पांच अधिकारियों पर अमिताभ ठाकुर ने फायदा मिलने का आरोप लगाया है उन्हें साल 2014 से 2017 के बीच ट्रायल कोर्ट इस मामले में बरी कर चुकी है। इससे पहले शनिवार को सोहराबुद्दीन शेख के भाई रुबाबुद्दीन शेख ने अदालत में अपनी गवाही दी जिसमें उन्होंने इस पूरी मुठभेड़ को फर्जी बताया और साथ ही अदालत से इस मामले में होस्टाइल हुए गवाहों पर कार्रवाई करने की मांग की। सोमवार को अदालत में सुनवाई के इस मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम आने पर अब भाजपा के नेताओं ने सफाई देना शुरू कर दिया है।