पुणे: भीमा कोरेगांव हिंसा केस में पुणे पुलिस ने आज गुरुवार को पांचों आरोपियों सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धावले और रोना विलसन के खिलाफ पुणे सेशन्स कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। बता दें कि इस साल के शुरुआत में महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा-कोरेगांव में भड़की हिंसा के मामले में पांचों कथित नक्सल समर्थकों के खिलाफ पुणे पुलिस केस दायर किया था। इन सभी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत कथित माओवादी संपर्कों के चलते जून में गिरफ्तार किया गया था।
क्या है भीमा-कोरेगांव हिंसा
महाराष्ट्र के पुणें में स्थित जिले भीम-कोरेगांव से मराठा का इतिहास जुड़ा हुआ है। तकरीबन 200 साल पहले यानी 1 जनवरी, 1818 को ईस्ट इंडिया कपंनी की सेना ने पेशवा की सेना को कोरेगांव में हराया था। तब पेशवा की सेना का नेतृत्व बाजीराव द्वितीय कर रहे थे। बाद में यह युद्ध दलितों के लिए खास बन गया। दलित मानते हैं कि इस लड़ाई में दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वाले पेशवा की हार हुई थी।
इस साल भीमा कोरेगांव में क्या हुआ
इस साल पेशवा की हार और दलितों की लड़ाई का का 200वां साल था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग जुटे थे। दलित पेशवा की हार का जश्न मना रहे थे कि तभी हिंसा भड़क गई थी। दलित और मराठा समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी। इस मौके पर कई बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाषण दिए थे। भाषण के दौरान ही हिंसा भड़क उठी थी।