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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने गुरुवार को इस बात की ओर इशारा किया कि सरकार वादे के मुताबिक मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और पढ़ाई में आरक्षण पर अपना वादा पूरा करेगी। अहमदनगर में उन्होंने कहा- “मैं मराठा समुदाय को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि वे आरक्षण पर एक दिसंबर को खुशियां मनाने के लिए तैयार रहें।” मुख्यमंत्री का यह बयान राज्य के पिछड़ा आयोग की तरफ से रिपोर्ट सौंपने के कुछ घंटे बाद दिया गया है।

मराठा समुदाय साल 2016 से ही प्रदर्शन और शांति मार्च के लिए नौकरियों और पढ़ाई में आरक्षण की मांग करता आ रहा है। लेकिन, इस साल एक प्रदर्शन ने ऐसा हिंसक रूप ले लिया कि मुख्यमंत्री को पैनल से मराठा समुदाय के आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन पर स्टडी करने का आदेश देना पड़ा। और उसे इसके लिए 15 नवंबर की समय सीमा तय की गई। महाराष्ट्र में इस वक्त 19 फीसदी आरक्षण अन्य पिछड़ी जातियों की कैटगरी में 346 जातियों को दिया जा रहा है, जबकि अन्य 8 फीसदी आरक्षण नोमेडिक ट्राइब्स कैटगरी में आनेवाले ट्राइब्स को दिया जा रहा है।

एससी और एसटी को 13 और 7 फीसदी का आरक्षण दिया जा रहा है। मराठा ने सबसे पहले 1993 में आरक्षण की मांग की थी। पिछली कांग्रेस सरकार ने 2014 विधानसभा चुनाव से पहले 16 फीसदी आरक्षण देने का विधानसभा में बिल पास किया था। लेकिन, हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी।

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