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पुणे: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सभी तीन आरोपियों सुधा भारद्वाज, अरुण फेरेरिया और वरनॉन गोंजालवेस को पुणे की सेशंस कोर्ट ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और तीनों को नजरबंद रखा गया था। कोर्ट के पेशी के दौरान अरुण फेरेरिया ने अदालत में पुलिस पर पीटने का आरोप लगाया है। फेरेरिया ने कोर्ट से कहा कि पूछताछ के दौरान उन्हें पीटा गया था। उन्होंने कहा कि 4 नवंबर को पूछताछ के दौरान पुलिस अधिकारियों ने लगभग 8-10 बार थप्पड़ मारा था। इसके बाद 5 नवंबर को उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।

बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने वरवर राव, अरुण फेरेरा, वर्नोन गॉनसैल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को कोरेगांव भीमा हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने पांचों को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ये कार्यकर्ता नजरबंद थे। हालांकि गौतम नवलखा को दिल्ली हाई कोर्ट ने रिहा कर दिया था।

इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा और प्रफेसर आनंद तेलतुंबड़े दोनों की गिरफ्तारी पर 26 अक्टूबर तक फैसला न लेने की बात कही थी। बता दें कि इस साल की शुरुआत में पुणे के पास भीमा-कोरेगांव में जातीय हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 1 की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में हिंसा फैल गई थी।

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