मुंबई: मराठा संगठनों ने 9 अगस्त को महाराष्ट्र में आंदोलन की धमकी दी है। इस दौरान पूरे राज्य में मराठा आंदोलन से जुड़े नेता आंदोलन करेंगे। नेताओं ने कहा है कि राज्य में कॉम्यूनेकशन के सभी साधनों को बंद कर दिया जाएगा। आंदोलन करने वाले नेताओं का आरोप है कि सरकार ने उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। मराठा क्रांति मोर्चा के नेता विनोद पोखारकर ने कहा, "राज्य सरकार 2014 के विधानसभा चुनावों से पहले और पिछले चार सालों में मराठा समुदाय से किए गए अपने वादों को लागू करने में नाकाम रही है। इसके अलावा राज्य भर में मराठा युवाओं के खिलाफ दायर पुलिस शिकायतों को वापस लेने की प्रक्रिया में भी देरी हुई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दूसरे नेताओं पर आरोप लगाया कि कोटा से जुड़े वादों को भी उन्होंने पूरा नहीं किया है। पोखारकर ने दावा किया कि पिछले महीने आयोजित आंदोलनों के बाद राज्य में गंभीर आरोपों के तहत स्थानीय पुलिस ने कम से कम 2,000 युवाओं को गिरफ्तार कर लिया था।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 9 अगस्त के विरोध के चलते राज्य सरकार ने कहा है कि मराठा युवाओं के खिलाफ मामलों पर सुनवाई 9 अगस्त के बाद होगी। इसका मतलब है कि ये युवा गुरुवार तक सलाखों के पीछे रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि जिलों में एक भी पुलिस स्टेशन को राज्य सरकार की ओर से गिरफ्तार किए गए युवाओं के खिलाफ केस वापस लेने के लिए कोई ऑर्डर नहीं आया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने पिछले महीने घोषणा की थी कि सरकार मराठा युवाओं के खिलाफ गंभीर आरोप वापस लेगी। पोखारकर ने आरोप लगाया कि फडणवीस मामले को वापस लेने के इच्छुक नहीं थे। एक और नेता भैया नपाटिल ने कहा कि कुछ जिलों में 9 अगस्त के विरोध प्रदर्शन की रणनीति तैयार करने के लिए कल बैठकें आयोजित की जाएंगी।
पाटिल ने कहा, हम इन बैठकों में आंदोलन को अंतिम रूप देंगे। हम अपने समुदाय की ताकत सरकार को दिखाना चाहते हैं। महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय की आबादी लगभग 30 फीसदी है। ये लोग ओबीसी श्रेणी के तहत नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इस बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा समुदाय से अपील की है कि वो सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा का सहारा लेने या आत्महत्या करने से बचे।