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मुंबई: शिवसेना ने कहा कि राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव के लिए वह राजग के उम्मीदवार का समर्थन करेगी। शिवसेना से राज्यसभा के सदस्य संजय राउत ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बात कर नौ अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए समर्थन मांगा था। राउत ने कहा, ‘‘अमित शाह ने उद्धव जी से बात की और शिवसेना से समर्थन मांगा। हमने जद (यू) उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला लिया है क्योंकि उपसभापति का पद गैर-राजनीतिक है।’’

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने जदयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि पी. जे. कुरियन के अवकाश ग्रहण करने के कारण जून से ही उपसभापति का पद खाली है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि विपक्ष संयुक्त रूप से इस पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारेगा। वर्तमान में उच्च सदन में 244 सदस्य हैं। राज्यसभा उपसभापति चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष के बीच कड़ा मुकाबला होता नज़र आ रहा है। राज्यसभा की अंकगणित के लिहाज से सत्तारूढ़ गठबंधन थोड़ा कमजोर दिखाई दे रहा है। इस चुनाव में उड़ीसा से बीजू जनतादल के 9 मत अहम भूमिका अदा करेंगे।

एनडीए की ओर से जेडीयू सांसद हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति पद के उम्मीदवार हैं।

एनसीपी की वंदना चव्हाण होंगी विपक्ष की उम्मीदवार

वहीं विपक्ष ने एनसीपी की महिला सांसद वंदना चव्हाण को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। अपनी उम्मीदवारी पर एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण ने कहा कि मुझे खुशी होगी कि राज्यसभा उपसभापति कोई महिला चुनी जाएं। राज्यसभा के उप सभापति का चुनाव इसी सप्ताह नौ अगस्त को होगा और इसके लिए आठ अगस्त बुधवार तक नामांकन किये जा सकते हैं। 57 वर्षीय चव्हाण को हाल ही में महाराष्ट्र से ऊपरी सदन में फिर से निर्वाचित किया गया था। वह 2012 से राज्यसभा की सदस्य हैं। वंदना चव्हाण की बहन विनीता कामटे का विवाह आईपीएस अफसर अशोक कामटे से हुआ था, जो 26/11 आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। वंदना चव्हाण पेशे से वकील हैं।

सोमवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडु ने चुनाव की तारीख की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सदन के उप सभापति का चुनाव नौ अगस्त को सुबह 11 बजे होगा। इसके लिए नामांकन आठ अगस्त, बुधवार 12 बजे तक स्वीकार किये जाएगें। उन्होंने कहा कि तय सीमा के बाद कोई नामांकन स्वीकार नहीं किया जाएगा। राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन के जुलाई में सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद रिक्त है। 244 सदस्यीय उच्च सदन में उपसभापति चुनाव को जीतने के लिए 123 मतों की आवश्यकता पड़ेगी। सदन में शिवसेना और अकाली दल के तीन तीन सांसदों समेत एनडीए के 95 सांसद हैं। यदि अन्नाद्रमुक (13), बीजद (नौ), टीआरएस (छह) का समर्थन एनडीए को मिल जाता है तो उसके पास 123 मत हो जाएंगे।

अगर विश्वास मत की तरह इस सदन में भी शिवसेना और अकाली दल गैरहाजिर रहते हैं तो सदन की संख्या घटकर 238 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा गिरकर 120 हो जाएगा। ऐसे में एनडीए प्रत्याशी की जीत मुश्किल होगी क्योंकि एनडीए घटक 117 होगा और विपक्ष की संख्या 118 होगी।

सत्ता पक्ष की जीत उड़ीसा से बीजद के 9 सांसदों पर निर्भर है। भाजपा इन दिनों उड़ीसा, ​पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में अपने जनाधार को बढ़ाने की मुहिम छेडे हुई है। ऐसे में उड़ीसा के सत्तारूढ़ पार्टी बीजद का एनडीए को समर्थन आत्मघाती हो सकता है। इस चुनाव में उसे किसी एक तरफ खड़े होकर अपनी राजनीतिक दिशा का संकेत देना है। राज्यसभा का चुनाव निश्चित ही सत्ता पक्ष के लिए बड़ी चुनौती है।

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