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मुंबई: केंद्र में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए बगैर शिवसेना ने दावा किया कि केवल एक पार्टी के पास अकूत धन है और यह पार्टी लोगों द्वारा खारिज किये जाने के बावजूद गोवा तथा मणिपुर में सत्ता में आयी है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि इस धन का इस्तेमाल शिव सेना को उखाड फेंकने की कोशिश में किया जा रहा है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा गया है कि नोटबंदी के बाद लोगों ने मंदी का दौर देखा लेकिन एक पार्टी लगातार ऊपर चढ़ती गई और लोगों द्वारा खारिज किये जाने के बावजूद गोवा और मणिपुर में सत्ता में आई।

उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में भारतीय जनता पार्टी ने गोवा और मणिपुर में सरकार का गठन किया था। संपादकीय में कहा गया है कि आवाम यह देख रही है कि कौन सी पार्टी पैसों के जोर पर सौदेबाजी में लगी हुई है। पत्र में कहा गया है कि इसी धन का इस्तेमाल शिवसेना को उखाड़ फेंकने में किया जा रहा है।

गठबंधन के वरिष्ठ सहयोगी का हवाला देते हुए तथा भाजपा का नाम लिए बगैर संपादकीय में लिखा गया है कि पार्टी यह डींग मारती है कि शिवसेना की समर्थन वापसी के बावजूद महाराष्ट्र में सरकार स्थिर रहेगी।

शिवसेना ने कहा है कि अकूत धन के बल पर ही यह डींग मारी जा रही है। यह आश्चर्यजनक है कि उनके खिलाफ जांच के लिए किसी ने भी प्रवर्तन निदेशालय को संपर्क नहीं किया है। यह भी दावा किया गया है कि व्यापारियों के पैसों के जोर पर वृहन्मुंबई नगर निगम पर भी कब्जा करने का प्रयास किया गया।

संपादकीय में कहा गया है कि मनसे के छह पार्षदों के शामिल होने के बाद शिवसेना की बढ़ती ताकत से विपक्षी कांग्रेस और राकंपा भी उतने व्याकुल नहीं हैं जितनी अकूत धन वाली पार्टी है।

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