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मुंबई: पिछले 5 महीने से मौत बनकर घूम रही आदमखोर शेरनी इंसान की लापरवाही का शिकार हो गई। 13 अक्टूबर की रात डेढ़ बजे के करीब वर्धा जिले के सिन्दी गांव के पास से जब वो गुजर रही थी तभी एक खेत के बाड़ में लगी बिजली का करंट लगने से उसकी मौत हो गई।

राज्य के प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ़ फारेस्ट ए के मिश्रा के मुताबिक खेत की बाड़ में बिजली का करंट लगाना कानून के खिलाफ है इसलिए उस खेत मालिक के खिलाफ वन्य जीव सरंक्षण कानून के तहत कार्रवाई होगी।

मई 2017 में चंद्रपुर के ब्रम्हपुरी जंगल में आदमखोर बन चुकी शेरनी को पकड़ कर वर्धा में बोर के जंगल में छोड़ा गया था। लेकिन उसके बाद भी वो शांत नहीं हुई और मोर्शी डैम से होते हुए अमरावती और फिर अमरावती से नागपुर के जंगल में प्रवेश कर चुकी थी। वहां से होते हुए वो फिर वर्धा में बोर जंगल की तरफ बढ़ रही थी।

ये सूचना मिलने के बाद वन विभाग और किसानों ने भी राहत की सांस ली थी। लेकिन 13 अक्टूबर की रात बिजली के करंट से उसकी मौत की खबर ने सभी को मायूस कर दिया।

आदमखोर शेरनी अब तक 10 के करीब लोगों पर हमला कर चुकी थी जिनमें से 2 की मौत भी हो गई थी। 50 से भी अधिक जानवरों को मौत के घाट उतार चुकी थी। खास बात थी कि उसके शरीर में लगी चिप से इसका लोकेशन पता चलता रहता था।

जंगलों में लगे कैमरा ट्रैप में उसकी तस्वीर भी कैद हो रही थी लेकिन जब तक वन विभाग की टीम वहां पहुंचती वो जगह बदलकर आगे निकल चुकी होती थी। उसे पकड़ने के लिए हैदराबाद से खास शूटर भी बुलाये गए थे।

विदर्भ के किसानों के लिए आतंक बन चुकी उस शेरनी को देखते ही गोली मारने के आदेश भी हो चुके थे। बावजूद इसके सभी को चकमा देते हुए पिछले 5 महीने से वो घूम रही थी। लेकिन उसकी मौत इस तरह होगी ये किसी ने सोचा भी नहीं था।

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