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मुंबई: दरभंगा से मुंबई जाने वाली ट्रेन के 21 डिब्बों में से 19 का ब्रेक फेल हो गए। ब्रेक फेल होने के बावजूद ट्रेन वाराणसी तक गई। उल्लेखनीय है कि ट्रेन में ब्रेक फेल होने के वक्त 2000 से ज़्यादा यात्री सवार थे। यही नहीं हद तो तब हो गई जब मुंबई से वापस आते वक्त भी इसी ट्रेन में फिर ब्रेक फेल होने की शिकायत आई। इस मामले पर रेलवे बोर्ड के सदस्य आरएल गुप्ता ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे के प्रमुख मकैनिकल इंजिनियर को चिट्ठी लिखकर दुर्घटना के बारे में बताया लेकिन अधिकारी ने कहा कि उसे इस तरह की कोई भी खबर नहीं मिली थी। आरएल गुप्ता द्वारा ईस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ मैकेनिकल इंजिनियर को लिखी चिट्ठी के अनुसार मुंबई जाने वाली दरभंगा-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के ब्रेक्स में पावर नहीं था। उन्होंने लिखा था कि ये बहुत ही गंभीर मामला था और कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। नॉर्दन सेंट्रल रेलवे के चीफ पीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि मुझे रेलवे बोर्ड की ओर से मिली किसी चिट्ठी की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रेन के ब्रेक रास्ते में खराब हुए होंगे। उन्होंने कहा कि जैसे ही इस बारे मेंसूचना मिली वैसे ही टेक्निकल विशेषज्ञों ने ट्रेन की जांच की लेकिन तब सब कुछ ठीक मिला।

ट्रेन में सब कुछ ठीक है या नहीं इसे देखने के लिए विशेषज्ञ खुद भी छपरा तक गया लेकिन कुछ भी गड़बड़ी नहीं मिली, छपरा स्टेशन पर पूरी ट्रेन की दोबारा जांच हुई। सूत्रों के मुताबिक ट्रेन जब मुंबई पहुंची तो सेंट्रल रेलवे ने प्राइमरी मेनटिनेंस करवाया जिसके बाद ट्रेन एलटीटी पहुंची जहां से उसे गुरूवार को दरभंगा जाना था. जैसे ही ट्रेन रवाना हुई, ब्रेक में खराबी के कारण कल्याण में जाकर रुक गई।

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