मुंबई: मुंबई के जेजे अस्पताल में 13 साल की रेप पीड़िता ने शुक्रवार को बेटे को जन्म दिया।नाबालिग का जेजे अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन किया गया है। पैदा हुए बच्चे का वजन 1.8 किलोग्राम है, उसे एनआईसीयू में रखा गया है। गौरतलब है कि दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस रेप पीड़िता को 32 सप्ताह का गर्भ गिराने की मंजूरी दी थी। मुंबई के जेजे अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि गर्भपात से लड़की की जान को गंभीर खतरा है और उन्होंने सिजेरियन डिलिवरी करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने जेजे अस्पताल के डॉक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही इस मामले में गर्भपात की अनुमति दी थी। अब डॉक्टर्स ने पीड़िता की जान को खतरा बताते हुए उसका गर्भपात ना करने का फैसला किया है। इससे पहले 6 सितंबर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एम खानविलकर और जस्टिस अमितावा रॉय की बेंच ने मुंबई के जेजे हॉस्पिटल की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए पीड़ित को गर्भपात की इजाजत दे दी थी । पीड़ित सातवीं कक्षा की छात्रा है। गौरतलब है कि इससे पहले एक ऐसे ही मामले में सर्वोच्च अदालत ने गर्भपात की इजाजत देने से मना कर दिया था।
उस समय प्रेगनेंसी के अधिक समय गुजर जाने को इसका कारण माना गया था। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट के सेक्शन 3(2)(b) के तहत 20 हफ्तों से ज़्यादा पुराने भ्रूण का गर्भपात प्रतिबंधित है। इसी वजह से न्यायालय में 20 सप्ताह से अधिक अवधि के गर्भ समापन के मामलों में न्यायालय को मेडिकल बोर्ड की राय लेनी पड़ती है। मेडिकल बोर्ड की राय के बाद ही न्यायालय ऐसे मामलों में कोई आदेश देता है।