मुंबई: 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट में मुंबई की टाडा अदालत ने अर्डरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई। अबू सलेम के साथ करीमुल्लाह को भी अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं मामले में दो अन्य आरोपियों ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को मौत की सजा सुनाई गई। इसके अलावा रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा हुई। लेकिन सजा सुनाए जाने के वक्त अदालत का जो माहौल था वह हैरान करने वाला था। सजा होने के वक्त अमूमन अपराधी के भीतर खौफ रहता है, उसे डर होता है कि पता कितनी कठिन सजा सुना दी जाए और उसे जेल के भीतर ही जिंदगी गुजारनी पड़े लेकिन मुंबई हमले में 257 से ज्यादा लोंगों की जान लेने के दोषी अबू सलेम के चेहरे पर जरा भी शिकन नहीं थी। बल्कि कोर्ट रूम में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के वक्त वह मुस्कुरा भी रहा था। खबरों की मानें जो जब अबू सलेम को जज सजा सुना रहे थे तब वह सजा पर ध्यान देने की बजाए वकीलों से इस बाद पर चर्चा कर रहा था कि ऊपरी अदालत में कैसे अपील की जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि अबू सलेम पहले से आश्वस्त था कि उसे 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं सुनाई जा सकती।
क्योंकि पुर्तगाल सरकार के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि में इस बात का जिक्र है कि उसे 25 साल से ज्यादा सजा नहीं सुनाई जाएगी। 1993 सीरियल ब्लास्ट मुंबई में 13 सीरियल धमाके हुए थे जिनमें 257 लोगों की जान गई थी और लगभग 750 लोग घायल हुए थे।