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मुंबई: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अगले साल होने वाले मुंबई महापालिका के चुनाव का बिगुल फूंका। उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि मुंबई के विकास के लिए मुंबई महापालिका का मेयर कांग्रेस का होना चाहिए। दो दिवसीय मुंबई दौरे पर आए राहुल ने शुक्रवार को पार्टी के अंदर गुटबाजी पर भी अपना कड़ा रूख जाहिर किया। उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं को आपसी गुटबाजी से दूर रहने की अपील की और कहा कि मुंबई महापालिका में मेयर बनाने के लिए आपको प्यार से रहना होगा। अगर गुस्सा बढ़ेगा तो मेरा काम अनुशासन लाने का है। उन्होंने कहा कि पहले हम मुंबई जीतेंगे, फिर राज्य और फिर केंद्र में सरकार बनाएंगे। पहले दिन राहुल ने मलाड में आयोजित सभा में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। इसके बाद पार्टी के मुंबई कार्यालय के राजीव गांधी भवन में मुरली देवड़ा सभागार का भी उदघाटन किया। इस कार्यक्रम में पार्टी के नेताओं ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम के नेतृत्व के प्रति नाराजगी जाहिर की।

लेकिन राहुल ने सबको को एकजुट रहकर काम करने और पार्टी को आगे ले जाने का संदेश दिया। मलाड की सभा में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए सवाल किया कि वह गरीबों की तकलीफों के बारे में कुछ क्यों नहीं बोलते। राहुल ने दावा किया कि भाजपा सरकार की विश्वनीयता काफूर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप्स और भारत जोड़ो की बातें तो बहुत होती हैं। यह बातें अच्छी हैं। लेकिन भारत में गरीब लोग और घरेलू कामगार भी हैं। सरकार उनको भूल गई है। राहुल ने कहा कि किसी किसान की हालत के बारे में पूछें, वह अपनी दुर्दशा बताते हुए रो देंगे। आप गरीब लोगों को, खोमचे वालों को पीछे नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि मुंबई महापालिका का बजट हजारों करोड़ रूपए का है। लेकिन इस सरकार ने मुंबई को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सिर्फ 100 करोड़ रुपए दिए। जब हम सत्ता में थे तो हमने नांदेड़ जैसे शहर को 2,000 करोड़ रुपए दिए थे।

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