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जयपुर: राजस्थान में बीते कई दिनों से जारी सियासी उठा-पटक के बीच अशोक गहलोत सरकार ने सोमवार को अहम फैसला लिया है। अब राज्य में सीबीआई को किसी की जांच करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है। राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सीबीआई को राजस्थान में जांच करने के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति की जरूरत होगी। राजस्थान से पहले कई अन्य राज्य भी सीबीआई की सीधी जांच पर रोक लगा चुके हैं। छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में सीबीआई को जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है।

मालूम हो कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच में कई दिनों से विवाद चल रहा है। गहलोत ने पायलट समेत भाजपा पर राज्य सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। गहलोत लगातार भाजपा और पायलट पर निशाना साधते हुए कहते रहें हैं कि दोनों ही पिछले छह महीनों से राजस्थान की सरकार गिराना चाहते हैं। वहीं, राजस्थान के चुरू जिले के राजगढ़ थाने के एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई की कथित खुदकुशी के संबंध में सीबीआई ने सोमवार को राजस्थान की कांग्रेसी विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ की थी।

नई दिल्ली: राजस्थान के कांग्रेस विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा के सनसनीखेज आरोपों को लेकर सचिन पायलट की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि वह दुखी हैं, लेकिन हैरान नहीं हैं। मलिंगा ने आरोप लगाया था कि सचिन पायलट ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के लिए 35 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। सचिन पायलट ने कहा, 'मैं दुखी हूं, लेकिन मेरे खिलाफ लगाए जा रहे ऐसे आधारहीन, घिनौने आरोपों को लेकर आश्चर्यचकित नहीं हूं।'

पायलट ने आगे कहा, 'मैं आरोप लगाने वाले विधायक के खिलाफ उचित, सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करूंगा। मुझे यकीन है कि मेरी छवि को खराब करने के लिए मुझ पर इस तरह के और भी संगीन आरोप लगाए जाएंगे।' पायलट ने कहा, 'यह पूरी तरह से मुझे बदनाम करने और राजस्थान के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कांग्रेस के सदस्य और विधायक के रूप में उठाई गई वैध चिंताओं से ध्यान हटाने के लिए किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य मुझे बदनाम करना और मेरी विश्वसनीयता पर हमला करना है।'

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच एक बार फिर से सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने पायलट पर सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया। इसके साथ ही गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा और नकारा बताया। गहलोत ने कहा, 'एक छोटी खबर भी नहीं पढ़ी होगी किसी ने कि पायलट साहब को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाना चाहिए। हम जानते थे कि वो (सचिन पायलट) निकम्मा है, नकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है खाली लोगों को लड़वा रहा है।'

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, 'वह (सचिन पायलट) पिछले छह महीने से भाजपा के समर्थन से सरकार को गिराने की साजिश रच रहे थे। जब भी मैं कहता था कि वह सरकार को अस्थिर करने में लगे हुए हैं, तब मेरी बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था।' गहलोत ने आगे कहा, 'किसी को नहीं पता था कि इतनी मासूम शक्ल वाला शख्स ऐसा करेगा। मैं यहां सब्जी बेचने के लिए नहीं आया हूं। मैं मुख्यमंत्री हूं।'

जयपुर: राजस्थान के सियासी संकट के बीच सचिन पायलट गुट की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी का पक्ष रखते हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को कहा कि कोर्ट का इस मामले में क्षेत्राधिकार नहीं बनता है। विधायकों की अयोग्यता को लेकर अभी कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता है। ये अधिकार स्पीकर के पास है। सिंघवी ने कहा कि जब तक स्पीकर फैसला नहीं कर लेते कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे सकता है। दरअसल, स्पीकर ने पायलट समेत बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि उन्हें क्यों अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए। इस नोटिस के खिलाफ विधायकों ने हाईकोर्ट का रुख किया। 

सुनवाई के दौरान सिंघवी ने झारखंड के मामले का उदाहरण दिया। सिंघवी ने कहा कि यह केस ज्यूडिशियल रिव्यू के दायरे में नहीं आता है। स्पीकर के आदेश को लिमिटेड ग्राउंड पर ही चुनौती दी जा सकती है, लेकिन याचिका में वो ग्राउंड मौजूद नहीं है। विधायकों की याचिका अपरिपक्व है। सिंघवी ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि जब तक विधायकों के खिलाफ अयोग्यता पर स्पीकर कोई फैसला नहीं लेते तब तक कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता है।

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