नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी घमासान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। मुख्यमंत्री अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए अगले हफ्ते विधानसभा का सत्र भी बुला सकते हैं। इन सबके बीच राजस्थान पुलिस की एक टीम हरियाणा के मानेसर स्थित उस रिसॉर्ट में पहुंची है, जहां सचिन पायलट का समर्थन करने वाले कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों के ठहरे होने की खबर है। हालांकि पुलिस को अंदर जाने नहीं दिया गया और 20 मिनट इंतजार के बाद जब गेट नहीं खुला तो वह वहां से लौट गई। बीते दो दिनों में यह दूसरी बार है, जब राजस्थान पुलिस उस रिसॉर्ट तक पहुंची है। शुक्रवार शाम को भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था।
उधर, एसओजी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अशोक राठौड़ ने कहा, “विधायक भंवरलाल शर्मा से पूछताछ के लिए एक टीम को मानेसर भेजा गया है। शर्मा के जयपुर और चुरू स्थित उनके आवास पर भी नोटिस भिजवाया गया है।” उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को अस्थिर करने का पहला केस 10 जुलाई को दर्ज किया गया था और एक व्यक्ति जिनकी पहचान करनी सिंह के तौर पर हुई है उन्हे नोटिस भेजा जा चुका है। राठौड़ ने कहा, "जैन से कई महत्वपूर्ण चीजें निकलकर सामने आई है। हम उसकी जांच कर रहे हैं।"
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि बागी विधायक भाजपा के इशारे पर काम कर रहे थे ताकि सरकार गिराई जा सके। लेकिन, पायलट ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इस बात से इनकार किया कि वे भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने जा रहे हैं। तीन दिन में ऐसा दूसरी बार है जब एसओजी की टीम सचिन पायलट के समर्थक विधायकों से पूछताछ करने के लिए पहुंची है।
शुक्रवार की शाम को मानेसर के होटल में उस वक्त भारी ड्रामा हुआ जहां कांग्रेस के बागी विधायक ठहरे हुए थे। एसओजी की टीम को परिसर के अंदर हरियाणा की पुलिस ने घुसने की इजाजत नहीं दी थी। जब वे अंदर गए तब तक वहां से वे सभी बागी विधायक होटल छोड़कर जा चुके थे। दो ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद एसओजी ने दो एफआईआर दर्ज की है।
इसमें कांग्रेस विधायक एक बिचौलिए और एक व्यक्ति जिसका नाम गजेन्द्र सिंह है उससे गहलोत सरकार को गिराने के बारे में बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं।