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डूंगरपुर: राजस्थान में शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पदों को एसटी उम्मीदवारों से भरने की मांग को लेकर लगातार चौथे दिन भी हिंसक प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने उदयपुर के खेरवाड़ा में पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है। यहां से वे सारी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। दूसरी तरफ अधिकारियों ने आदिवासी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। वहीं खेरवाड़ा में हुई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। आंदोलनकारियों ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वाहनों में आग लगा दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को रबड़ की गोलियां दागनी पड़ी। इसी बीच राज्य सरकार ने केंद्र से रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की मांग की है।

राज्य के जिले में गुरुवार को उस समय हिंसा भड़क गई जब शिक्षकों की भर्ती परीक्षा -2018 के उम्मीदवारों ने उदयपुर-अहमदाबाद राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, पुलिस पर पथराव किया, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। प्रदर्शनकारी 1,167 सामान्य रिक्त पदों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों से भरने की मांग कर रहे हैं। हिंसा शुक्रवार को भी जारी रही और शनिवार को भी हिंसक घटनाएं हुई थीं।

 

राज्य सरकार ने शनिवार को तीन वरिष्ठ पुलिसकर्मियों- पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) (अपराध) एमएल लाठर, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के दिनेश एमएन को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उदयपुर रवाना किया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदर्शनकारियों से शांत रहने और प्रदर्शन को खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि उनका प्रशासन सभी जायज मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है।

समिति ने पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने का निर्णय लिया

कांग्रेस विधायक दयाराम परमार ने कहा, यह निर्णय लिया गया है कि शांति बहाल की जाएगी। आज हाईवे को खाली कर दिया जाएगा। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। उन्हें अपने संबंधित पंचायतों में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, राजस्थान के मंत्री अर्जुन एस बामनिया ने कहा, समिति ने पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने का निर्णय लिया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यहां कोई अशांति नहीं होनी चाहिए। जहां तक भर्ती प्रक्रिया का सवाल है, मामला अदालत में है। कोर्ट इस पर गौर करेगा, हर कोई इसके लिए सहमत हो गया है।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत से फोन पर बात की और प्रमुख सचिव (गृह) अभय कुमार और एडीजी (कानून व्यवस्था) सौरभ श्रीवास्तव को राजभवन बुलाया और उन्हें स्थिति को नियंत्रित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर, उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा और डूंगरपुर जिले के अन्य जनप्रतिनिधियों ने शनिवार को मामले को सुलझाने के लिए आंदोलनकारी उम्मीदवारों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

3300 लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मामले

3300 लोगों के खिलाफ तोड़फोड़, राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे 16 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने दो दिन में करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली है। पुलिस और प्रशासन उनके सामने बेबस नजर आ रहा है। अब तक कई होटल और दुकानों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की गई। डूंगरपुर में कई मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया।

क्या है पूरा मामला

प्रदर्शनकारी शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए 17 दिन से कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शन ने गुरुवार से हिंसक रूप ले लिया। 12 अप्रैल 2018 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सामान्य शिक्षा के 5431 पदों पर भर्ती निकली थी। इसमे एसटी को 45 प्रतिशत, एससी को पांच प्रतिशत और सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण मिला है। इस तरह सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे। राजस्थान पात्रता परीक्षा शिक्षक में 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक वाले सामान्य वर्ग के 965 उम्मीदवारों का चयन किया गया। इन्हीं पदों पर 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले एसटी के 589 उम्मीदवारों का चयन किया गया। इस तरह सामान्य वर्ग के 1554 पद भरे गए और 1167 खाली रह गए। प्रदर्शनकारी इन्हीं खाली पदों पर एसटी उम्मीदवारों की नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं।

 

 

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