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जयपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और शिव विधानसभा से भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह जसोल ने शनिवार को पार्टी से औपचारिक रूप से नाता तोड़ लिया। हालांकि उन्होंने अपने आगे के राजनीतिक कदम के बारे में पत्ते अभी नहीं खोले हैं। पार्टी से रिश्ते के बारे में पूछे जाने पर मानवेंद्र ने कहा, 'मैं अब भाजपा में नहीं हूं। इसके साथ ही मानवेंद्र ने कांग्रेस के साथ जाने के सवाल का जवाब ना में दिया।' इससे पहले दिन में बाड़मेर के पास पचपदरा में अपनी बहुप्रचारित रैली में भी मानवेंद्र ने 'कमल का फूल, बड़ी भूल' कहते हुए पार्टी से नाता तोड़ने का संकेत दिया। इस स्वाभिमान रैली में बड़ी संख्या में राजपूत व अन्य वर्ग के लोग पहुंचे।

रैली को संबोधित करते हुए मानवेंद्र ने कहा कि पार्टी आलाकमान व बड़े नेताओं के कहने पर वह साढ़े चार साल से धैर्य बनाए हुए थे लेकिन अब धैर्य चुक गया है। रैली में कांग्रेस जिंदाबाद के नारों के बीच मानवेंद्र ने 'कमल का फूल, बड़ी भूल' कहा। हालांकि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर इतना ही कहा कि 'लोगों की जो घोषणा है वह उसके साथ ही जाएंगे।

बता दें, मानवेंद्र और भाजपा के रिश्ते बीते चार साल से तल्ख बने हुए थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सिंह परिवार के पार्टी के साथ संबंध बिगड़ना शुरू हो गए। भाजपा से टिकट ना मिलने के बाद जसवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। जिसके बाद मानवेंद्र सिंह ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार किया। इसके बाद भाजपा ने मानवेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।

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