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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि मौजूदा समय में वास्तविक मुद्दों से नज़रें फेर कर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है, जो देश की जनता के साथ छल है। राहुल गांधी ने 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के अवसर पर सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'देश के युवाओं! आज 'राष्ट्रीय युवा दिवस' पर हमें स्वामी विवेकानंद के विचारों को फिर से याद करने की ज़रूरत है। उन्होंने युवाओं की ऊर्जा को ही एक समृद्ध देश का आधार कहा और पीड़ित एवं निर्धन की सेवा को ही सबसे बड़ी तपस्या बताया था।'

उन्होंने कहा, 'युवाओं को विचार करना ही होगा कि आखिर क्या होगी हमारे सपनों के भारत की पहचान? जीवन की गुणवत्ता या सिर्फ भावुकता? उत्तेजक नारे लगाता युवा या रोज़गार प्राप्त युवा? मोहब्बत या नफ़रत?'

सरकार 'अमृतकाल' बताकर मना रही है उत्सव

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि आज वास्तविक मुद्दों से नज़रें फेर कर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है, जो देश की जनता के साथ छल है।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को एक बार फिर से बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार (12 जनवरी) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी से सवाल किया कि क्या प्राण प्रतिष्ठा को लेकर नियमों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि चार शंकराचार्यों ने कहा है कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती है।

शंकराचार्यों की चिट्ठी पर सवाल खड़े करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि एक चिट्ठी पर प्रबंधक के हस्ताक्षर हैं और दूसरे पर निजी सचिव के हैं। जबकि स्वयं शंकराचार्य का वीडियो सबने देखा है। इससे पता चलता है कि आईटी सेल कितनी सक्रिय है। दरअसल, चारों शंकराचार्यों ने कहा है कि वे अयोध्या में हो रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उनका कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा नियमों के तहत नहीं हो रही है।

पवन खेड़ा ने कहा, प्राण प्रतिष्ठापन जब किया जाता है तब उसका एक विधि विधान होता है, क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधि विधान से कार्यक्रम किया जा रहा है?

नई दिल्ली: अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है। देश में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शंकराचार्यों के शामिल नहीं होने का मुद्दा भी चल रहा है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का कहना है कि राम मंदिर उद्घाटन में शास्त्रीय विधा का पालन नहीं किया जा रहा है। पुरी के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने फिर से सनातन धर्म के नियमों के उल्लंघन की बात कही है। इसके साथ उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता, इसलिए उनसे टकराने की गलती ना की जाए।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, शंकराचार्य ने कहा कि व्यासपीठ के साथ जो टकराता है, चारों खाने चूर-चूर हो जाता है। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, 'मैंने पहले कहा कि हिमालय पर जो प्रहार करता है, उसकी मुट्ठी टूट जाती है। हम लोगों से टकराना उचित नहीं है। अरबों एटम बम को दृष्टि मात्र से नष्ट करने की क्षमता हम लोगों में है। हम चुनाव की प्रक्रिया से इस पद पर प्रतिष्ठित नहीं हैं।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक ऑडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, 'अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा। प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है। इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं। मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं। इस समय, अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है।

वीडियो की शुरुआत पीएम मोदी ने 'सियावर रामचंद्र की जय' और 'राम-राम' के साथ की। उन्होंने कहा, 'जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही यथार्थ में बदलते हैं। आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनियाभर में फैले रामभक्तों के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है। हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण है। चारों दिशाओं में राम नाम की धूम है।

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