नई दिल्ली: कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को एक बार फिर से बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार (12 जनवरी) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी से सवाल किया कि क्या प्राण प्रतिष्ठा को लेकर नियमों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि चार शंकराचार्यों ने कहा है कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती है।
शंकराचार्यों की चिट्ठी पर सवाल खड़े करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि एक चिट्ठी पर प्रबंधक के हस्ताक्षर हैं और दूसरे पर निजी सचिव के हैं। जबकि स्वयं शंकराचार्य का वीडियो सबने देखा है। इससे पता चलता है कि आईटी सेल कितनी सक्रिय है। दरअसल, चारों शंकराचार्यों ने कहा है कि वे अयोध्या में हो रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उनका कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा नियमों के तहत नहीं हो रही है।
पवन खेड़ा ने कहा, प्राण प्रतिष्ठापन जब किया जाता है तब उसका एक विधि विधान होता है, क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधि विधान से कार्यक्रम किया जा रहा है?
उन्होंने कहा, अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या चारों पीठों के हमारे शंकराचार्य की सलाह और देख-रेख से इस कार्यक्रम का स्वरूप तय किया जा रहा? उन्होंने कहा कि चारों शंकराचार्य कह चुके हैं कि एक अधुरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठापन नहीं की जा सकती है। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं है तो ये कार्यक्रम राजनीतिक है।
चुनाव देखकर तय की गई प्राण प्रतिष्ठा की तारीख
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भगवान और मेरे बीच कोई बिचौलिया नहीं हो सकता। प्राण प्रतिष्ठा के लिए तारीख कौन से पंचांग से बनाई गई है? तारीख का सेलेक्शन चुनाव देख कर किया गया है। हम एक आदमी के राजनीतिक तमाशे के लिए भगवान से खिलवाड़ नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक कार्यक्रम में मेरे और मेरे भगवान के बीच एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बिचौलिए बनकर बैठ जाएं, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पवन खेड़ा ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में वीवीआईपी की एंट्री लगाने वाली बीजेपी कौन हैं। धर्म क्षेत्र में भी आप ही आ रहे हैं। आप कौन हैं। शंकराचार्य वहां नहीं जाएंगे। राजनीतिक आयोजन है। यह कतई धार्मिक आयोजन नहीं है।