नई दिल्ली: रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि पहले जिंदगी छीनी गई, अब वे उसकी पहचान भी छीन लेना चाहते हैं। रोहित और उसका संघर्ष हमारे दिलों में जिंदा है। राहुल गांधी के इस बयान को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस वक्तव्य का जवाब माना जा रहा है, जिसमें सुषमा ने कहा है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था और इस सारे मामले को बेवजह तूल दिया गया है। सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि इस मामले के तथ्य सामने आ गए हैं और जो मेरी जानकारी है उसके मुताबिक छात्र दलित समुदाय से नहीं था। उसे दलित कहकर पूरे मामले को कुछ लोगों ने एक सांप्रदायिक तरीके से उठाया।
इससे पहले गुरुवार को खुफिया विभाग ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को जो रिपोर्ट दी, उसमें रोहित की दादी के हवाले से कहा गया कि उसका बेटा यानि रोहित के पिता वी मुनि कुमार और बहू यानि रोहित की मां वी राधिका दोनों वडेरा समुदाय से आते हैं जो कि एक पिछड़ी जाति है न कि दलित। सुषमा के बयान के बाद विपक्ष ये सवाल भी उठा रहा है कि आखिर रोहित की जाति के पीछे पड़कर सरकार क्या साबित करना चाहती है। कांग्रेस इसे सीधे तौर पर दलित उत्पीड़न और उनको अधिकारों से वंचित रखने से जोड़ कर सरकार पर लगातार हमले कर रही है। शनिवार को राहुल गांधी हैदराबाद विश्वविद्यालय में रोहित के परिवार और साथियों के साथ एक दिन के उपवास पर भी बैठे थे।