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नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। कैबिनेट के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी। इस फैसले की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आलोचना की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो इसे 'राजनीतिक असहिष्णुता' करार दिया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार सुबह कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई है। राज्य में पिछले साल 16 दिसंबर से राजनीतिक संकट इस राज्य में पिछले साल 16 दिसंबर को राजनीतिक संकट शुरू हो गया था, जब कांग्रेस के 21 बागी विधायकों ने बीजेपी के 11 सदस्यों और दो निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर एक अस्थाई स्थान पर आयोजित सत्र में विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया पर 'महाभियोग' चलाया।

नई दिल्ली: वर्ष 2006 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने स्वीकार किया था कि जापान के रेंकोजी मंदिर में रखी अस्थियां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल सार्वजनिक की गई फाईलों के मुताबिक उसने मंदिर के पुजारी के यह संकेत मिलने के बाद कि नेताजी के अवशेषों को वहां सम्मान के साथ संरक्षित नहीं रखा जा सकता, भारतीय राजदूत को वे अस्थियां भारतीय दूतावास की नवनिर्मित इमारत में लाने के तौरतरीकों पर काम करने का निर्देश भी दिया था। इसमें कहा गया है कि ये बिंदु विदेश मंत्रालय की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन को दिये गए उस जवाब में मिले हैं, जिन्होंने मंत्रालय को नेताजी की अस्थियों को वापस लाने के मुद्दे पर जांच पड़ताल करने को कहा था।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज कहा कि अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए कैबिनेट की सिफारिश को अगर राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है तो वह इसे अदालत में चुनौती देगी। पार्टी ने लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि बेहद गलत कदम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संघीयता पर दोमुंहेपन का पर्दाफाश किया है और सरकार को चेतावनी दी कि उसे इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मोदी सरकार का अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला संवैधानिक आदेश का मजाक बनाने, संघवाद का दमन और लोकतंत्र को कुचलने को दर्शाता है। उन्होंने कहा, संघवाद के लिए सम्मान और टीम इंडिया में राज्यों के समान भागीदार होने के मोदीजी के दोमुंहेपन का पर्दाफाश होता है।

नई दिल्ली: पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकवादी हमला और उसके बाद दर्जनभर आतंकवादियों की गिरफ्तारी को देखते हुए गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सुरक्षा किले में तब्दील कर दी गई है। इसके लिए 1000 निशानेबाजों के साथ ही 49 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही प्रमुख स्थलों पर 15 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। राजपथ इलाके के दो किलोमीटर दायरे में किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के निशानेबाज ऊंची इमारतों पर तैनात रहेंगे। राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। पुलिस ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर 49 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, जिसमें 15 हजार अर्धसैनिक बल, 34 हजार दिल्ली पुलिस के जवान दिल्ली की सड़कों पर 26 जनवरी को सुबह पांच बजे से तैनात रहेंगे।

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