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नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के शीतकालीन सत्र 2023 का आज छठा दिन है। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम बिल को पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस विधेयक के पीछे की मंशा को बरकरार रखा है। उन्होंने आगे कहा कि सदन से आज ये विधेयक पारित हो जाएगा और यह जम्मू-कश्मीर और भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

जमू कश्मीर के संविधान का नहीं रहा अस्तित्व

उन्होंने 370 और 35ए पर बोलते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा शक्ति का प्रयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने होल्ड कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी होल्ड कर दिया है कि धारा-370 समाप्त हो चुकी है, इसलिए जम्मू कश्मीर के संविधान का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज के अपने फैसले में पुष्टि कर दी है कि अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था। उन्होंने आगे कहा कि जो कोई भी यह कहता है कि अनुच्छेद 370 स्थायी है, वह संविधान का अपमान कर रहा है।

नई दिल्‍ली: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद की सदस्यता से निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में शुक्रवार (8 दिसंबर) को महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर वोटिंग कराई, जो ध्वनिमत से पास हो गया। लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ ने कहा कि एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया। ये बीजेपी के अंत की शुरुआत है।

अनुच्‍छेद-32 के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

महुआ मोइत्रा लोकसभा के फैसले के खिलाफ संविधान के अनुच्‍छेद-226 के तहत हाईकोर्ट भी जा सकती थीं, लेकिन उन्‍होंने अनुच्‍छेद-32 के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि संसद में पारित कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है, जो उन्‍होंने किया है. अगर महुआ निर्दोष पाई जाती हैं, तो उनकी सांसदी बहाल हो सकती हैं। अगर दोषी पाई जाएंगी, तो सांसदी बहाल करने के सारे रास्ते बंद हो सकते हैं।

नई दिल्‍ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्वारा जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 निरस्त करने का आदेश संविधानिक तौर पर वैध अभ्यास है। हम 370 को निरस्त करने में कोई दुर्भावना नहीं पाते है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक और आशा की किरण व, उज्‍ज्‍वल भविष्य का वादा है।

जम्मू-कश्मीर की प्रगति और एकता के लिए शानदार घोषणा: मोदी

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्‍ट में कहा, "अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है। यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है। न्यायालय ने अपने गहन ज्ञान से, एकता के मूल सार को मजबूत किया है, जिसे हम भारतीय होने के नाते बाकी सब से ऊपर प्रिय मानते हैं और संजोते हैं।"

नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट के जरिए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को संवैधानिक मान्यता देने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह का कहना है कि मैं इसका स्वागत करता हूं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि जो कुछ भी हुआ वह संवैधानिक रूप से वैध है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करता हूं जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।

उन्होंने कहा कि मैं तो कहूंगा कि पहले दर्जा मिले फिर चुनाव हों। कोर्ट ने सितंबर तक चुनाव की बात कही है जो सही है। काफी लंबे समय से चुनाव नहीं हुए हैं। बहुत से लोगों को यह फैसला अच्छा नहीं लगेगा। मेरी उन्हें राय है कि इस फैसले को स्वीकार कर लें और अब अपनी ताकत चुनाव में लगाएं। इसे अब अच्छे ह्रदय से स्वीकार कर लेना चाहिए।

निराश हूं, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा: उमर अब्दुल्ला

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट के फैसले से निराश हैं, लेकिन निरुत्साहित नहीं हैं।

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