नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (30 मार्च) को देश की 4 शख्सियतों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव, कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर शामिल हैं।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न का सम्मान मिलना था, लेकिन आज वह राष्ट्रपति भवन में उपस्थित नहीं हुए बल्कि 31 मार्च को राष्ट्रपति उनके घर जाकर उन्हें सम्मानित करेंगी। आडवाणी को छोड़कर सभी 4 शख्सियतों को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया। इनके परिजनों ने राष्ट्रपति से सम्मान लिया।
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का भारत रत्न अवार्ड उनके बेटे- पीवी प्रभाकर राव ने रिसिव किया। इसी तरह से एम एस स्वामीनाथन का भारत रत्न अवार्ड उनकी बेटी डा. नित्या राव ने लिया है। कर्पूरी ठाकुर का भारत रत्न अवार्ड उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने रिसीव किया है। जबकि चौधरी चरण सिंह का भारत रत्न अवार्ड उनके ग्रैंड सन जयंत चौधरी के हाथों में दिया गया है।
केंद्र ने इस साल 5 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का एलान किया है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। 2024 के 5 हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या 53 हो जाएगी।
इन वजहों से खास रहे हैं राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वाले शख़्सियत
बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने 23 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी। कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार डिप्टी सीएम रहे थे। वे पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं। इसी तरह पीएम मोदी ने 9 फरवरी को डॉ एमएस स्वामीनाथन, पीवी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का एलान किया था। स्वामीनाथन एक कृषि वैज्ञानिक थे। उन्हें भारत में 'हरित क्रांति' का जनक कहा जाता है।
नरसिम्हा राव देश के 9वें प्रधानमंत्री थे। चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। वे उत्तर प्रदेश के 5वें मुख्यमंत्री भी रहे थे। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।