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नई दिल्ली: कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव आयोग (ईसी) के एलान से पहले बड़ा दावा किया कि ज्ञानेश कुमार और बलविंदर संधू के नाम चुनाव आयुक्त के लिए तय हुए हैं। गुरुवार को यह बात उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने बताया कि दो चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए बैठक हुई थी। वह चुनाव प्रचार छोड़ कर दिल्ली पहुंचे। ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले ये रिक्तियां नहीं होनी चाहिए थीं। सुप्रीम कोर्ट की सलाह के खिलाफ जाकर चयन पैनल में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को नहीं रखा गया।

कांग्रेस नेता के मुताबिक, "बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सिर्फ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थे।" वह आगे बोले, मैंने पहले ही सूची मांगी थी क्योंकि चयन के लिए नामों की छोटी सूची मांगी थी ताकि हम जांच कर सकते थे। मगर वह मौका मुझे नहीं मिला। मुझे 212 नामों की सूची दी गई थी। रातों-रात 212 लोगों के बारे में जानकारी जुटाना संभव नहीं था। कमेटी में बहुमत सरकार के पास है। यानि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति सरकार के मुताबिक ही होगी।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस समिति में होना चाहिए था। पिछले साल लाए गए कानून ने बैठक को महज एक ''औपचारिकता'' तक सीमित कर दिया है। अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि जिस पैनल ने चुनाव आयुक्त का नाम तय किया है उसमें सरकार बहुमत में है। ऐसे में वे जो चाहते हैं वही होता है। 

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