नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह शराब कारोबारी विजय माल्या को वापस देश लाने के लिए वचनबद्ध है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन से माल्या को वापस लाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अनुरोध उसे प्राप्त हुआ है। माल्या पर भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि माल्या को न्याय के कठघरे में लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार उन्हें देश वापस लाने के लिए ईडी के अनुरोध पर विधि विशेषज्ञों की सलाह ले रही है। उन्होंने कहा कि ईडी ने एमईए से संपर्क कर माल्या के पासपोर्ट को रद्द करने और उनके प्रत्यर्पण दोनों की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘दोनों पर कार्रवाई चल रही है।’’ उन्होंने कहा कि साथ ही मंत्रालय माल्या के वकील के माध्यम से कारण बताओ नोटिस पर मिले जवाब पर भी गौर कर रहा है। माल्या को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया था कि क्यों नहीं उनके पासपोर्ट को जब्त कर लिया जाए या रद्द कर दिया जाए। सूत्रों ने संकेत दिए थे कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू होते ही सरकार माल्या को रोकने और वापस भारत भेजने में ब्रिटेन से सहयोग मांगेगी।
उन्होंने कहा, ‘प्रत्यर्पण के मुख्यत: दो आधार हैं। मुंबई की अदालत की तरफ से जारी गैर जमानती वारंट और व्यवसायी का पासपोर्ट निलंबित करना।’ माल्या के दो मार्च को भारत छोड़ने के बाद समझा जाता है कि वह ब्रिटेन में हैं।