नई दिल्ली: केंद्र ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन खारिज करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। महाधिवक्ता मुकुल रस्तोगी ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा एवं न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र किया। पीठ ने महाधिवक्ता से मामले को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कराने की खातिर रजिस्ट्री से संपर्क करने को कहा। पीठ ने कहा कि रजिस्ट्री याचिका को एक उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर से अनुमति लेगी। महाधिवक्ता ने शुरूआत में कहा कि विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) आज सुबह दायर कर दी गई है लेकिन ‘हमारे पास फैसले की प्रति नहीं है’’ क्योंकि लिखित फैसला उपलब्ध नहीं है और केवल मौखिक फैसला सुनाया गया था। प्रधान न्यायाधीश राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों एवं न्यायाधीशों के पूर्व निर्धारित सम्मेलन में भाग ले रहे थे। इसलिए प्रधान न्यायाधीश की अदालत में न्यायमूर्ति मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ बैठी थी। इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में हरीश रावत एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। 29 अप्रैल को विधानसभा में उनका बहुमत परीक्षण होगा।