नई दिल्ली: शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने से उत्साहित प्रवर्तन निदेशालय ने विदेश मंत्रालय से 900 करोड़ रूपये के कथित आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में धनशोधन के संबंध में माल्या को भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया है। निदेशालय ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है और वह सीबीआई को भी पत्र लिखेगा कि वह मुंबई अदालत से गैर जमानती वारंट के निर्देश के आधार पर राज्यसभा सदस्य को गिरफ्तार कराने के लिए इंटरपोल का ‘रेड कार्नर नोटिस’ जारी कराए। पिछले ही हफ्ते विदेश मंत्रालय ने माल्य का कूटनीतिक पासपोर्ट निलंबित कर दिया था और उससे जवाब तलब किया था कि क्यों उनका पासपोर्ट निरस्त नहीं कर दिया जाए क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि वह धनशोधन के मामले में जांच के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि एक बार माल्या को भारत लाने की कार्यवाही शुरू हो जाती है तो विदेश मंत्रालय माल्या को भारत लाने के लिए ब्रिटेन में अपने समकक्षों से सहायता मांगेगा। उन्होंने कहा कि माल्या को भारत लाने के प्राथमिक रूप से दो आधार हैं।
पहला मुंबई की अदालत से जारी गैर जमानती वारंट और दूसरा उनके पासपोर्ट का निलंबन। माना जाता है कि माल्या ब्रिटेन में हैं। वह दो मार्च को भारत से चले गए थे। हैदराबाद की एक अदालत ने माल्या के खिलाफ जीएमआर हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड के चैक बाउंस से जुड़े एक मामले में शराब कारोबारी को कल दोषी ठहराया। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने नवीनतम आग्रह के बाद माल्या को भारत लाने के लिए और जांच में उन्हें ‘निजी तौर’ पर शरीक करने के लिए वस्तुत: सभी कानूनी उपाय कर लिए हैं। गौरतलब है कि 60 वर्षीय माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय के तीन-तीन सम्मन की अवहेलना की है। उन्होंने एजेंसी के जांचकर्ताओं के सामने पेश होने के लिए मई तक का समय भी मांगा था।